काम नहीं करने वालों की होगी छुट्टी
चुनाव के दौरान ही कांग्रेस ने तैयार कर ली अपने नेताओं की रिपोर्ट, जीतू पटवारी ने बनाई थी गोपनीय टीम
भोपाल । मध्य प्रदेश में लोक सभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं। कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि हार की जिम्मेदारी जीतू पटवारी ने ली है, लेकिन अंदर खाने की खबर है कि जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक गोपनीय टीम बनाई थी जो एक-एक कार्यकर्ता और नेता पर नजर बनाए हुए थे। कौन किस तरह का काम कर रहा है। कौन फायदा पहुंचा रहा है, कौन नुकसान। यहां तक की प्रवक्ताओं की भी मॉनिटरिंग की जा रही थी कौन प्रवक्ता टीवी में कैसे परफॉर्म कर रहा है। कांग्रेस के पक्ष में अपनी बात रख पा रहा है या नहीं। अब रिपोर्ट पर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही जीतू पटवारी नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे, जिसमें उन लोगों को मौका दिया जाएगा जो पूरी लगन और मेहनत से कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि जो नेता और पदाधिकारी सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं, उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। वहीं जो युवा काम कर रहे हैं उन्हें मौका दिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पटवारी युवा नेताओं की भी मॉनिटरिंग करा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कई शिकायतें ऐसी आई हैं जिसमें युवा कांग्रेस और छात्र संगठन के नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाया है। लोकसभा प्रत्याशियों की शिकायत पर ऐसे युवा नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है।
प्रत्याशियों की शिकायत पर भी चल रहा है मंथन
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने सभी 27 प्रत्याशियों को कहा था कि आपके क्षेत्र में जो भी कार्यकर्ता या नेता किसी प्रकार की लापरवाही करते हैं तो उनकी शिकायत उनकी टीम से करें। जानकारी के अनुसार लगभग सभी प्रत्याशियों ने शिकायतें की हैं। भोपाल प्रत्याशी अरुण श्रीवास्तव ने भी कई नेताओं की शिकायत की है। अब शिकायत पर मंथन किया जा रहा है। जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायत आई है। उनसे बात की जाएगी और उनसे पूछा जाएगा कि आपने ऐसा क्यों किया और इसी आधार पर कार्रवाई होगी।
बगैर कार्यकारिणी के लड़े चुनाव इसलिए हारे
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश कांग्रेस के किसी भी संगठन की कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाया है। संगठन पूरी तरह बिखरा हुआ है। छात्र संगठन एनएसयूआई से लेकर युवा संगठन के अध्यक्ष को छोडक़र कोई भी पद भरे नहीं गए। ऐसे में लोकसभा प्रत्याशी किसी को जिम्मेदारी नहीं दे पाए। विधानसभा चुनाव में भी यही हाल था, इसके बाद आला कमान ने कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, लेकिन जीतू पटवारी भी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए। यही कारण रहा कि मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारों का समन्वय नहीं बन पाया और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार जीतू पटवारी अब तेजी से कार्यकारिणी गठन करने की तैयारी कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद बदलाव नहीं आया काम
गौरतलब है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। 230 विधानसभाओं में से कांग्रेस को मात्र 66 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने कब्जा किया था। इस हार के बाद कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष और उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। अब पटवारी के अध्यक्ष रहते हुए लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।