दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को फिर से लोकसभा और राज्यसभा का सत्र शुरू हुआ। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और स्पीकर जगदीप धनखड़ के बीच फिर से ठन गई। दरअसल, खरगे ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए मोहन भागवत का नाम ले लिया, जिस पर धनखड़ गुस्सा हो गए।मल्लिकार्जुन ने कहा, 'सबसे पहले मैं आपकी उदारता का धन्यवाद देता हूं, जो आपने मुझे बोलने का समय दिया।' इतना ही सुनते वहां मौजूद सब लोग हंसने लगे। इस पर खरगे ने पूछा आप लोग हंस क्यों रहे हैं। 

राज्यसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी और खरगे ने कहा, 'राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। चुनौतियों से कैसे निपटेंगे यह बताना जरूरी था, लेकिन कुछ ऐसा तो सुनाई ही नहीं दिया। इस साल राष्ट्रपति का पहला संबोधन जनवरी में और दूसरा जून में था। पहला अभिभाषण चुनावी था और दूसरा उसकी कॉपी था। उनके संबोधन में दलितों, अल्पसंख्यक वर्गों और पिछड़े वर्गों के लिए कुछ नहीं था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो दूरदृष्टि थी और न ही दिशा। पिछली बार की तरह, यह सरकार के लिए प्रशंसा के शब्दों से भरा था।'