भारत के स्टार शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू प्रगनाननंदा ने एक बार फिर कमाल किया है। उन्होंने मंगलवार (16 जनवरी) को टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वह अनुभवी शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को पछाड़कर पहली बार नंबर एक रैंक वाले भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गए। 

चीन के विश्व चैंपियन लिरेन के खिलाफ मिली जीत ने प्रगनाननंदा को आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पूर्व खिलाड़ी इतनी आसानी से हार जाएगा।

चेस डॉट कॉम ने प्रगनाननंदा के हवाले से कहा, "मुझे लगा कि मैंने बहुत आसानी से बराबरी कर ली और फिर किसी तरह चीजें उनके लिए गलत होने लगीं। मोहरा जीतने के बाद भी मुझे लगा कि मैच में वह पकड़ बना सकते हैं। मुझे लगता है कि किसी भी दिन, यदि आप इतने मजबूत खिलाड़ी को हराते हैं, तो यह हमेशा विशेष होता है क्योंकि उन्हें हराना बहुत आसान नहीं होता है। शास्त्रीय शतरंज में विश्व चैंपियन के खिलाफ पहली बार जीतना अच्छा लगता है।"

प्रगनाननंदा को टूर्नामेंट में जिस तरह की शुरुआत मिली है उससे संतुष्ट लग रहे हैं, लेकिन वह अपने सामने आने वाली चुनौतियों से सावधान हैं। उन्होंने कहा "यह अच्छा है। मुझे लगता है कि पहले तीन गेम काफी दिलचस्प थे। मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेल रहा हूं, लेकिन पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था। एक समय था जब मैं वास्तव में अच्छा खेल रहा था और फिर मेरा खेल काफी खराब हो गया था इसलिए मुझे लगता है कि यह (नतीजा) अच्छा है। टूर्नामेंट के अंत तक ऊर्जा बरकरार रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है।"

कार्लसन को हरा चुके हैं प्रगनाननंदा

प्रगनाननंदा इससे पहले भी शीर्ष खिलाड़ियों को हराने के लिए चर्चा में रहे हैं। वह कई बार विश्व चैंपियन और दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को हरा चुके हैं। पिछले साल शतरंज विश्व कप में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। खिताबी मुकाबले में कांटे की टक्कर के बाद टाई ब्रेकर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह शतरंज विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।