इन दिनों चल रही शादी समारोह की धूम पर एक माह के लिए फिर विराम लगने वाला है। 16 दिसंबर शुक्रवार से खरमास यानी मलमास शुरू होने वाला है जिसके चलते मांगलिक कार्यों व विवाह समारोह पर विराम लग जाएगा। यह रोक नए साल में 14 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेगी। खरमास में भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा फलदायी होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ.एचसी जैन ने बताया कि शुक्रवार 16 दिसंबर को सुबह 9.58 सूर्यदेव वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ मलमास की शुरूआत हो जाएगी। सूर्यदेव एक महीने तक धनु राशि में ही विचरण करेंगे और उसके बाद 14 जनवरी को रात 8.45 बजे मकर राशि में चले जाएंगे। सूर्यदेव का यह राशि परिवर्तन होने से धनु संक्रांति शुरू हो जाएगी जिसे धनु मलमास के नाम से भी जाना जाता है।

ये कार्य रहेंगे वर्जित
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक खरमास को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस माह के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है। खरमास के कारण 16 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार जैसे मुंडन संस्कार यज्ञोपवीत नामकरण गृह प्रवेश गृह निर्माण नए व्यापार का आरंभ वधु प्रवेश सगाई विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है। मकर संक्रांति के बाद विवाह मुहूर्तों की शुरुआत होगी। अगले साल जमकर शादियां रहेगी। वर्ष 2023 में जनवरी से दिसम्बर तक चातुर्मास को छोड़कर शेष महीनों में 80 से अधिक शुभ मुहूर्त रहेंगे। अगले साल सिर्फ अप्रेल में और चातुर्मास में जुलाई से अक्टूबर तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे शेष माह में शादियों के अच्छे मुहूर्त है। सबसे अधिक लग्न मुहूर्त मई और जून माह में रहेंगे।

नए साल में ये होंगे विवाह मुहूर्त
जनवरी - 19 25 26 31
फरवरी - 6 9 10 15 16 22
मार्च - 8 और 9