नई दिल्‍ली । एक ओर रिजर्व बैंक और मोदी सरकार महंगाई को काबू में लाने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खाने-पीने चीजों की बढ़ती कीमतों ने महंगाई को आसमान पर पहुंचा दिया है। थोक महंगाई दर भी लगातार चौथे महीने बढ़ गई है। जून में थोक मूल्‍य की वृद्धि दर 3.36 फीसदी रही है। 
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 फीसदी थी, जो एक महीने बाद जून में बढ़कर 3.36 फीसदी रही। पिछले साल जून में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी। यानी तब थोक महंगाई बढ़ने के बजाए लगातार घटती जा रही थी। 
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जून 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे रसायन तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही है। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी। 
सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही। ईंधन और बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.03 प्रतिशत रही, जो मई में 1.35 प्रतिशत से थोड़ी कम है. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति जून में 1.43 प्रतिशत रही, जो मई में 0.78 प्रतिशत से अधिक थी। 
जून में थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के सामना थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई।