रायपुर शहर के चारों ओर खाली सिलेंडर में अवैध रूप से गैस भरने का खेल चल रहा है। बड़े सिलेंडर से गैस को पांच-पांच किलो के छोटे सिलेंडर में शिफ्ट किया जा रहा है। बीच बाजार से लेकर गली-मोहल्लों तक में ये खेल चल रहा है। पुलिस इनकी अनदेखी करती है। खाद्य विभाग के अफसर भी ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करते कभी नहीं दिखते। परिणाम ये हो रहा है कि पूरी की पूरी राजधानी एक तरह से बम के ढेर पर बैठी है। रायपुर में रसोई गैस की अवैध रिफिलिंग का कारोबार तेजी से बढ़ा है। मोटी कमाई के फेर में नियम-कानून को ताक पर रखकर गैस रिफिलिंग की दुकानें सज रही हैं। सैकड़ों छोटे सिलेंडरों में रिफिलिंग के माध्यम से गैस भरकर महंगे दामों पर बेचा जाता है। यही नहीं, मार्केट से लेकर रहवासी कालोनी के बीच स्थित मकानों में रिफिलिंग की जा रही है। कभी ब्लास्ट होने पर क्या होगा, ये समझा जा सकता है। इसके बाद भी इस अवैध और जान जोखिम में डालने वाले व्यापार पर नियंत्रण नहीं रखा गया।

शुक्रवार रात सोनडोंगरी में एक टीन सेड के नीचे रिफिलिंग के दौरान हुए हादसे में पिता-पुत्र जल गए थे। यहां से 55 गैस सिलेंडर जब्त किए गए हैं। पुलिस ने शिवशंकर पाठक, नवीन पाठक और प्रवीण पाठक के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध कायम कर लिया है। काफी लंबे समय से अवैध रिफिलिंग का खेल चल रहा था। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इसके पहले भी गोलबाजार समेत अन्य इलाकों में रिफिलिंग पकड़ी जा चुकी है। लाखों रुपये के इस अवैध कारोबार पर न तो खाद्य विभाग, न ही पुलिस ने कभी नियंत्रण रखा। 

बस्तियों और उसके आसपास के मार्केट में रिफिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। इनमें गुढ़ियारी, उरला, धरसींवा, गोलबाजार, पंडरी, तेलीबांधा समेत राजधानी की दर्जनभर से अधिक गैस चूल्हा रिपेयर और छोटे सिलेंडर बेचने वाली ढेरों दुकानों पर रिफिलिंग का गोरखधंधा सालों से चल रहा है। जबकि छोटे सिलेंडर का रेट भी निर्धारित है। इसके बाद भी मोटी कमाई के चक्कर में रिफिलिंग कर बेची जाती है। अवैध गैस रिफिलिंग के मामले में तीन पर अपराध कायम किया गया है। रिफिलिंग के दौरान दो झुलस गये थे। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।