मध्य प्रदेश में 3 दिन बाद झमाझम बारिश
भोपाल। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम प्रणालियों के के सक्रिय होने से मध्यम वर्षा की संभावना है। पिछले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा हुई, लेकिन महाराष्ट्र में द्रोणिका के कमजोर होने से बारिश की उम्मीद कम है। बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती दबाव के क्षेत्र में 14-15 जुलाई से अच्छी वर्षा की संभावना है। हालांकि वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से विभिन्न स्थानों पर हल्की वर्षा होने के आसार हैं। शुक्रवार को रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम वर्षा हो सकती है। शेष क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने का अनुमान है। पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार को राजगढ़ जिले के जीरापुर में 109, बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में 72 मिलीमीटर वर्षा हुई। दमोह में 33, शिवपुरी में 21, भोपाल में 15.5, पचमढ़ी में 14.2, ग्वालियर में 12.4, रीवा में 5.2, सिवनी में 4.4, छिंदवाड़ा एवं सीधी में एक, रायसेन में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून द्रोणिका वर्तमान में राजस्थान से उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। महाराष्ट्र पर पूर्वी-पश्चिमी द्रोणिका कमजोर स्थिति में मौजूद है। उत्तर-मध्य महाराष्ट्र पर और पंजाब पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। महाराष्ट्र से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका भी है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका अब उत्तर प्रदेश से होकर जा रही है। महाराष्ट्र पर बनी बनी पूर्वी-पश्चिमी द्रोणिका (विंड शियर) भी कमजोर पड़ गई है। इस वजह से प्रदेश में झमाझम वर्षा होने की उम्मीद कम है। वातावरण में नमी बरकरार रहने के कारण गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होती रहेगी। गुरुवार-शुक्रवार को रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम वर्षा हो सकती है। शेष क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने का अनुमान है। उधर बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने के संकेत मिल रहे हैं। इस मौसम प्रणाली के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने की भी संभावना है। उसके प्रभाव से 14-15 जुलाई से प्रदेश में अच्छी वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है।