बलौदा बाजार की घटना के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार सख्त कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। सरकार दोषियों को जवाबदेह ठहराकर नुकसान की भरपाई करने पर विचार कर रही है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार बलौदा बाजार जिले में हुए प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने पर विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोषी पाए जाने वालों से नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए।

इस सवाल के जवाब में कि क्या राज्य सरकार नुकसान की भरपाई के लिए हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी? उपमुख्यमंत्री ने पुष्टि की सरकार वास्तव में ऐसे उपायों पर विचार कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोषी पक्षों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर और एसपी के कार्यालयों में लगाई आग

बता दें कि 11 जून को सतनामी समुदाय के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान चार पहिया वाहनों समेत सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और उनमें तोड़फोड़ की गई तथा कलेक्टर और एसपी के कार्यालयों में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए इलाके में तैनात दमकल गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि 15 और 16 मई की रात को अज्ञात बदमाशों ने बलौदा बाजार के गिरौदपुरी धाम में सतनामी समुदाय द्वारा पूजित धार्मिक संरचना 'जैतखंभ' को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन समुदाय केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग कर रहा है। इस घटना के बाद, सतनामी समुदाय ने बलौदा बाजार जिले में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, जो अंततः हिंसक हो गया। इस विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है।