ऋउज्जैन. महाभारत (Mahabharat) के अनुसार, भरतवंशी राजा शांतनु का पहला विवाह देवनदी गंगा से हुआ था, जिससे भीष्म (Bhishma Pitamah) का जन्म हुआ। गंगा के जाने के बाद राजा शांतनु ने सत्यवती से दूसरा विवाह किया। सत्यवती के दो पुत्र हुए- चित्रांगद और विचित्रवीर्य। इन दोनों की ही मृत्यु अल्पायु में हो गई थी। आगे जानिए भीष्म के इन दोनों भाइयों से जुड़ी खास बातें.

गंधर्व के हाथों मारे गए चित्रांगद
महाराज शांतनु की मृत्यु के बाद भीष्म (Bhishma Pitamah) ने अपने छोटे भाई चित्रांगद को राजा बनाया। उसने अपने पराक्रम से सभी राजाओं को पराजित कर दिया। जब गंधर्वों के राजा चित्रांगद ने यह देखा तो उसने हस्तिनापुर पर हमला कर दिया। गंधर्वों के राजा चित्रांगद और हस्तिनापुर के राजा चित्रांगद में 3 साल तक युद्ध होता रहा। गंधर्वों का राजा चित्रांगद बहुत मायावी था। उसने अपनी माया के बल पर भीष्म के भाई चित्रांगद का वध कर दिया।

क्षय रोग से हुई विचित्रवीर्य की मृत्यु
चित्रांगद की मृत्यु के बाद भीष्म ने सत्यवती के दूसरे पुत्र विचित्रवीर्य को हस्तिनापुर का राजा बनाया। विचित्रवीर्य भी अपने भाई की तरह परम शक्तिशाली था। युवा होने पर भीष्म ने विचित्रवीर्य का विवाह काशी की राजकुमारियों अंबिका व अंबालिका से करवा दिया। विवाह के 7 साल बाद विचित्रवीर्य को क्षय (टीबी) रोग हो गया। बहुत उपचार करने के बाद भी विचित्रवीर्य की मृत्यु हो गई। विचित्रवीर्य की मृत्यु के बाद जब राजगद्दी पर बैठने वाला कोई नहीं बचा तो रानी सत्यवती ने ऋषि वेदव्यास को बुलवाया और उन्हीं की कृपा से धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ।

राजकुमारियों का हरण बना भीष्म की मृत्यु का कारण
अपने भाई विचित्रवीर्य के लिए भीष्म काशी की 3 राजकुमारियों अंबा, अंबालिका और अंबिका का हरण कर हस्तिनापुर ले आए थे, लेकिन अंबा ने विचित्रवीर्य से विवाह करने से इंकार कर दिया क्योंकि वो किसी और से प्रेम करती थी। बाद में इसी अंबा ने अपने अपमान के बदला लेने के लिए शिखंडी के रूप में जन्म लिया और भीष्म की मृत्यु का कारण बनी।