सिंधियत शाद रहे, आबाद रहे पुस्तक को अमली जामा घर-घर से पहनाना होगा - संत सिद्ध भाऊ


दैनिक द लाॅयन सिटी -  संत हिरदाराम नगर - भारत के विदवान शीर्ष साहित्यकार 90 वर्षीय श्री भोजराज खेमानी ‘‘क्रान्ति’’ मुम्बई द्वारा लिखित पुस्तक सिंधियत शाद रहे, आबाद रहे का पूरे भारत के अनेक नगरों द्वारा संतों एवं महापुरुषों के करकमलों से विमोचन किया गया है। वहीं परमहंस संत हिरदाराम साहिब जी के गद्देसर संत सिद्ध भाऊ के करकमलों से मुक्ता इंटरनेशनल विद्यालय के प्रागंण में इस पुस्तक का विमोचन किया गया। संत सिद्ध भाऊ ने पुस्तक की प्रशंसा की तथा कहा कि सिंधियत शाद रहे, आबाद रहे पुस्तक का अमली जामा घर-घर से पहनाना होगा ताकि हमारी मातृभाषा विकास करती रहे। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष साबू रीझवानी ने बताया कि बुजुर्ग साहित्यकार श्री भोजराज खेमानी भारत के अनेक संस्थाओं, अकादमियों से सिंधी साहित्य के क्षेत्र में अनेक अवार्ड प्राप्त कर चुके है। अभी हाल ही में अखिल भारतीय सिंधी बोली एवं साहित्य सभा द्वारा सिंधी भाषा के विकास मंे सराहनीय भूमिका अदा करने पर 50,000 हजार के नगद पुरस्कार के अतिरिक्त शाल, श्रीफल एवं यादगार मोमेन्टो प्रदान करने की घोषणा की गयी है। विमोचन के समय संत सिद्ध भाऊ के साथ पंचायत अध्यक्ष साबू रीझवानी, उपाध्यक्ष नंद दादलानी, वरिष्ठ शिक्षाविद विष्णु गेहानी एवं साधु वासवानी स्कूल की पी.आर.ओ. श्रीमती दीपा आहूजा उपस्थित रही। पंचायत के संरक्षक हीरो भाऊ ज्ञानचंदानी, महासचिव माधू चांदवानी के अतिरिक्त गुलाब जेठानी, माधवदास पारदासानी, उपाध्यक्ष जगदीश आसवानी आदि ने पुस्तक की सराहना करते हुए वरिष्ठ लेखक एवं सिंधियत के जानदार, शानदार व वफादार सिपाही श्री भोजराज खेमानी को दिल की गहराइयों से बधाई दी है।