इंदौर ।   मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय राम मंदिर से जुड़े संघर्ष और मुगलों से हुए युद्धों की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे है। उन्होंने जन्म भूमि रक्षा से जुड़ी राजा रणविजय सिंह की कहानी सुनाई और बताया कि राजा रणविजय ने देश की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध किया। 70 हजार सैनिकों के साथ राजा ने प्राणों की आहुति दी। इसके बाद उनकी रानी जयकुंवरी ने युद्ध को जारी रखा। विजयवर्गीय देश में 500 साल के संघर्ष की कहानी सुना रहे है। उन्होंने अपने वीडियो में हंसवर रियासत के राजा रणविजय सिंह का किस्सा साझा किया। विजयवर्गीय ने बताया कि जन्मभूमि के लिए राजा और उनकी रानी ने मुगलों से लोहा लिया।

हार के बाद भी यह रियासत पीछे नहीं हटी और दस बार लगातार युद्द कर जन्मभूमि पर विजय प्राप्त की। इसके बाद वहां चबूतर बनाकर राम भगवान की प्रतिमा रखी। जब अैारंगजेब को यह जानकारी मिली तो उसने युद्ध किया इस रियासत को जीतकर राजा द्वारा बनाए गए चबूतरे को तोड़ दिया। राजा की पत्नी जयकुंवरी ने भी महिलाअेां के साथ मिलकर जन्मभूमि की रक्षा के लिए युद्ध लड़ा। विजयवर्गीय ने कहा कि राम जन्म भूमि के लिए पांच सौ सालों से संघर्ष हुआ अौर हजारों लोगों ने प्राणों की आहुतियां दी है। पांच सौ साल बाद अयोध्या में राम लला फिर विराजेंगे
विजयवर्गीय ने लगाई मंदिर में झाडू, बोले इंदौर में सवा करोड़ दीप जलाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान के बाद मंत्री विजयवर्गीय ने पाटनीपुरा के सांई बाबा मंदिर में झाडू और पोछा लगाया। वे सुबह विधायक रमेश मेंदोला के साथ मंदिर पहुंचे। पहले वे गौशाला गए और वहां झाडू लगाई। इसके बाद उन्होंने मंदिर के भीतर झाडू लगाई। मीडिया से चर्चा में विजयवर्गीय ने कहा कि जिन्होंने राम के अस्तित्व को नहीं माना। कोर्ट में वकीलों की फौज लगाकर राम को काल्पनिक बताया। रामायण को उपन्यास बताया। अब वे अयोध्या मंदिर के समारोह का बहिष्कार कर रहे है। जनता रुपी हनुमान का उन लोगों को सोटा पड़ने वाला है।