दाना-पानी रखकर बने पशु-पक्षियों का सहारा

भोपाल । भीषण गर्मी पड़ रही है इस वक्त मानो आसमान से आग बरस रही है। दिन का पारा भी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे राहत पाने के लिए मानव और पशु-पक्षी सभी को धूप से छांव और शीतल जल का सहारा चाहिए। लोगों के लिए तो जगह-जगह प्याऊ व नल के साथ मटके रखकर उचित व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस वक्त पशु पक्षियों की चिंता करना बेहद जरूरी है। क्योंकि उन्हें पानी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में लोगों की जिम्मेदारी है कि वे पक्षियों के लिए दाना व पानी की उचित व्यवस्था कर अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करें। ताकि खुले आसमान और धूप में विचरण करने वाले पंछियों को राहत मिल सके। कुछ लोग है जो अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वाहन बखूबी कर रहे हैं।
घरों की छत और बाड़े में पक्षियों की संख्या बढ़ गई है। लगातार गर्मी से पशु-पक्षी का जीवन खतरे से गुजर रहा है। इसमें मुख्य रूप से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण और जल प्रदूषण पर पूर्ण रूप से काबू नहीं पा रहे है। दिन को जल गर्म हो जाता है जिसे पक्षी ग्रहण नहीं कर पाते। नदी तालाबों का जल निर्मल एवं कंचन हो जाता है। भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ सामाजिक संस्थाओं व आमजन ने बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए भी दाना-पानी का इंतजाम करने का अभियान शुरू कर दिया। यह अभियान घर-घर चलाया जा रहा है, जिसमें जागरूक और पर्यावरण प्रेमी शामिल हैं।

सकोरा में दाना पानी रखने की व्यवस्था


इस भीषण गर्मी में नदी-नाले सूखने से पक्षियों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में पर्यावरण प्रेमियों ने अनोखी पहल शुरू की है। पक्षियों की भूख प्यास बुझाने के लिए दाना-पानी पात्र ग्रामीणों व बच्चों को वितरण किया। जिसमें रोजाना पानी और दाने रखे जा रहे हैं। ग्रामीण भी इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं। इससे अब लोग पशु-पक्षियों को दाना-पानी रख रहे है।