नई दिल्ली । सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने भारी उद्योग मंत्रालय से कम-कार्बन उत्सर्जन वाले दोपहिया वाहनों पर वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग की है। सियाम ने प्रस्ताव के लिए केंद्रीय मंत्रालय को पत्र लिखा है। सियाम की मांग में इंटर्नल कंबस्टन इंजन (आईसीआई) फ्लेक्स-फ्यूल टू व्हीलर्स, आईसीई कंपोज्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) टू व्हीलर, 350 से ज्यादा सीसी वाले दोपहिया वाहनों पर बिना किसी उपकर के 28 से घटाकर 18 फीसदी जीएसटी शामिल है। प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी दोपहिया वाहनों के लिए जीएसटी बेस रेट को 18 फीसदी तक घटाया जाए।
अगर यह फैसला लागू किया जाता है, तब इससे बजाज ऑटो को फायदा होगा, जो बहुत जल्द एक सीएनजी-चालित इलेक्ट्रिक स्कूटर लांच करने वाला है। बजाज पहले से ही ई-स्कूटर में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी हैं, जिसपर जीएसटी केवल 5 फीसदी है। सियाम ने भारत में दोपहिया वाहनों पर ज्यादा जीएसटी टैक्स को भी उजागर किया है, जो अन्य देशों की मुकाबले ज्यादा है। भारत में 28 फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि ब्राजील में 9.25 फीसदी, वियतनाम में 10 फीसदी, थाईलैंड में 7 फीसदी और इंडोनेशिया में 11 फीसदी जीएसटी है।
सियाम ने मांग की कि भारत को सभी दोपहिया वाहनों पर जीएसटी को 28 से घटाकर 18 फीसदी करना चाहिए, जो इंडस्ट्री की एक लंबे समय से चली आ रही मांग है। एक प्रमुख दोपहिया कंपनी के अधिकारी का कहना है कि कम-कार्बन उत्सर्जन वाले दोपहिया वाहनों के लिए यह दुनिया का पहला कदम भारत को तेजी से एक ग्रीन और ज्यादा ईंधन-कुशल देश बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा, जो किसी अन्य तरीके से संभव नहीं है। सीएनजी वाहन चलाने के लिए के लिए ऑपरेटिंग खर्च पेट्रोल उत्सर्जन के मुकाबले आधा होता है और इलेक्ट्रिक वाहन स्तरों के करीब होता है। इसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों से जुड़ी सुरक्षा, रेंज, चार्जिंग और बैटरी से जुड़ी चिंताएं भी नहीं होती हैं।