शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री बहाल करवाने की सरकार की पहल का स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने कई सवाल भी खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर को अब भारत रत्न मिलना चाहिए. राउत का बयान ऐसे समय में आया है जब 27 मई को भारत सरकार नें 139 लोगों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए. आज यानी 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है.

राउत ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों ने वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री जब्त कर ली थी, फिर भी देश उन्हें “बैरिस्टर सावरकर” कहता है. हम सब उनका सम्मान करते हैं. अगर सरकार 10 साल बाद उनकी डिग्री बहाल करवाने जा रही है, तो यह अच्छी बात है. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह भी पूछा जाना चाहिए कि अभी तक उनको भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया जबकि ये सम्मान देश के कई लोगों को मिल चुका है. उन्होंने कहा कि इसका जवाब न देवेंद्र फडणवीस के पास है, न अमित शाह के पास और न ही प्रधानमंत्री मोदी के पास है.

शिवाजी के वाघनख असली हैं या नकली पता नहीं…
वहीं ऐतिहासिक चीजों की भारत वापसी का सिलसिला जारी है. इस पर राउत ने हाल ही में महाराष्ट्र लाए गए शिवाजी के वाघनख पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान का वध किया था. उन्होंने जिस वाघनख से अफजल को मारा था, उसे करोड़ों रुपये में लंदन से लाया गया, चुनाव से पहले ये वाघनख महाराष्ट्र में गांव-गांव घुमाए गए थे, लेकिन ये असली हैं या नकली इसका किसी को पता नहीं है. वाघनख अभी कहां हैं, इसका भी कुछ पता नहीं है.

उन्होंने कहा कि अब सरकार नागपुर के राजा भोसले की तलवार को 70 से 80 लाख रुपये में लाने वाली है. संजय राउत ने एक बार फिर न केवल वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की है बल्कि सरकार से कुछ गंभीर सवाल भी किए हैं.सरकार इन सवालों को कितना गंभीरता से लेती है ये देखने वाली बात होगी.