भोपाल । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 19 अप्रैल को दूसरी बार दमोह आगमन हो रहा है। यह दमोह जिले के इतिहास में पहला अवसर है जब पांच माह के अंतराल के बाद कोई प्रधानमंत्री दूसरी बार दमोह आ रहा हो रहा है, अन्यथा 34 वर्षों बाद नवंबर माह में प्रधानमंत्री की हैसियत से नरेंद्र मोदी आए थे। इसके पहले 34 वर्षों तक कोई भी प्रधानमंत्री दमोह नहीं आया। ऐसी क्या स्थिति निर्मित हो रही है कि प्रधानमंत्री को अपने लोकसभा चुनाव के लिए पांच माह के बाद ही दूसरी बार दमोह आना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में दमोह आए थे और उन्होंने उस दौरान विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर किसी भी विधानसभा के प्रत्याशी के पक्ष में कोई भी बात नहीं कही थी। उस दौरान उन्होंने मात्र तीसरी बार देश में अपने प्रधानमंत्री बनने की बात को लेकर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की बात आम जनमानस से कही थी और अपने भाषण में उन्होंने देश के विकास और देश की योजनाओं से ही संबंधित बाते उल्लेखतीय की थी, लोकसभा चुनाव का प्रचार-प्रसार भी मंच से किया था। पांच माह में क्या बीजेपी को अपना जनाधार खिसकते हुए नजर आ रहा है। जिस कारण से की उन्हें दूसरी बार पांच माह के अंतराल में ही प्रधानमंत्री की आम सभा करने की आवश्यकता पड़ी। यह आकलन लगाया जा रहा था कि दमोह में किसी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता की आमसभा नहीं होगी लेकिन जिस प्रकार से 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आमसभा की तैयारी पार्टी स्तर पर एवं प्रशासन स्तर पर की जा रही है। उससे लगभग यह तय है कि उनका आगमन हो रहा है और रविवार को बाकायदा इमलाई के मैदान में पूर्व मंत्री जयंत मलैया की उपस्थिति में कार्यक्रम स्थल का भूमि पूजन भी किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 19 अप्रैल को होने वाली आमसभा एवं दमोह आगमन को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे है।