भारत में विमान से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा रहा है और यह अब प्री-कोविड स्तर के भी ऊपर निकल गया है। अगस्त में घरेलू उड़ान भरने वाले लोगों की संख्या 23 प्रतिशत बढ़कर 1.24 करोड़ हो गई है। कोरोना से पहले अगस्त 2019 यह आंकड़ा 1.18 करोड़ था। एक रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की ओर से बताया गया कि जुलाई के महीने विमान से उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.21 करोड़ था। साथ ही बताया कि अगस्त 2022 के मुकाबले इस वर्ष कैपेसिटी को 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है। प्री-कोविड स्तर यानी अगस्त 2019 के मुकाबले ये एक प्रतिशत कम है।

रेटिंग एजेंसी की ओर से बताया गया कि एविएशन इंडस्ट्री अभी स्थिर रहेगी। घरेलू एयर ट्रैफिक में पिछले वित्त वर्ष एक तेज रिकवरी देखने को मिली थी और आशा है कि इस वित्त वर्ष भी ये ट्रेंड जारी रहेगा।

इस अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि मौजूदा समय में एयरलाइन इंडस्ट्री प्राइसिंग पावर के दौर से गुजर रही है। अच्छी यील्ड्स और आय प्रति किलोमीटर और लागत प्रति किलोमीटर एयरलाइन के हिसाब से अलग-अलग है। वहीं, सालाना आधार पर इस वर्ष एटीएफ के दाम में भी कमी आने की उम्मीद है।

5000 करोड़ तक नुकसान होने की उम्मीद

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एयरलाइन्स 3000 करोड़ रुपये से लेकर 5000 करोड़ रुपये का नुकसान वित्त वर्ष 2023-24 में कर सकती है। वहीं, यात्रियों की संख्या में इस दौरान तेज वृद्धि देखने को मिल सकत है।