लैंको अमरकंटक पॉवर अडानी की झोली में
कोरबा, कोरबा-चांपा मार्ग में स्थापित अपने स्थापना काल से ही लगातार विवादों के केंद्र में रहे कई सालों से वित्तीय संकट से जूझ रहे पॉवर कंपनी लैंको अमरकंटक पॉवर कंपनी की डील पूर्ण होने की अपुस्ट जानकारी मिल रही है।
किसी भी देश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में औद्योगिक घरानों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पॉवर कंपनी के क्षेत्र में अडानी समूह सर्वाधिक सक्रिय औद्योगिक घरानों में इन दिनों ऊंचाई पर है और यही कारण है कि विदेशों में सफलता के लगातार परचम लहराने के साथ ही देश में भी इसकी टक्कर में आगे पीछे 10 पायदान तक कोई दिखाई नहीं देता हैं। देश के पावर सेक्टर में अडानी समूह का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है और इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित लैंको अमरकंटक पॉवर कंपनी को भी इस समूह द्वारा अपने एकाधिकार में ले लिये जाने की अपुस्ट जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार लैंको के लिए अडानी समूह ने कुल 4,101 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, लेकिन इसकी घोषणा सार्वजनिक रूप से किन कारणों से सामने नहीं आ पाई है और न ही इस संबंध में अडानी समूह की ओर से कोई बयान नहीं दिया जा रहा है, यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
- पीछे हटे अन्य समूह
रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की भी इस नीलामी की प्रक्रिया में सामने आने की बात आरंभ में सामने आई थी, लेकिन ये दोनों बड़े समूहों का नीलामी की प्रक्रिया से दूरी बनाए रखना औद्योगिक जगत को चकित कर गया। सूत्रों की माने तो इनके अलावा मुकेश अंबानी, वेदांता समुह से अनिल अग्रवाल, नवीन जिंदल भी आरंभिक प्रक्रिया में लैंको को लेकर रूचि दिखा रहे थे।