शिमला। भाजपा ने अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है। कंगना अपनी जीत के लिए भारी मशक्कत कर रहीं हैं। लेकिन उनके विरोधी दल उनकी राह रोकने के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं। मंडी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के असंतुष्टों और पूर्व शाही परिवार के प्रभाव के कारण कंगना रनौत की राह मुश्किलों से भरी हो सकती है।हिमाचल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, तीन बार सांसद रह चुके कुल्लू के पूर्व शाही परिवार के वंशज महेश्वर सिंह ने पार्टी आलाकमान से रनौत को टिकट देने संबंधी फैसले की समीक्षा करने को कहा है। वहीं, भाजपा के जिन असंतुष्टों ने 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, उन्होंने रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक की है।
कंगना रनौत ने शुक्रवार को एक रोड शो और रैली के साथ अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया तो बीजेपी नेता महेश्वर सिंह ने पार्टी आलाकमान से रनौत को टिकट देने संबंधी फैसले की समीक्षा करने का आग्रह करते हुए कहा कि पार्टी में रनौत का ‘कोई योगदान नहीं है’ और दावा किया कि उन्हें (सिंह को) टिकट देने का वादा किया गया था। उन्होंने कहा, भाजपा आलाकमान से अपने फैसले की समीक्षा करने पर बातचीत चल रही है। मुझे पहले टिकट देने का वादा किया गया था। कंगना की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, भाजपा के पूर्व महासचिव राम सिंह और अन्नी के पूर्व विधायक किशोरी लाल - तीनों जिन्होंने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ा था - ने अन्य असंतुष्ट भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और मंडी सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह पहले ही पार्टी टिकट की दौड़ से बाहर हो गई हैं। उन्होंने कहा था कि जमीनी हालात हमारे अनुकूल नहीं है और कार्यकर्ता निराश हैं। हालांकि कंगना को भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उन्होंने अपना रुख बदल दिया है और कहा है कि वह कांग्रेस के निर्देशों का पालन करेंगी।
रनौत के लिए राहत की बात यह है कि कारगिल युद्ध के नायक एवं भाजपा नेता खुशाल ठाकुर ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है। उन्होंने शनिवार को कहा, ‘मैं कंगना का समर्थन कर रहा हूं। इस संसदीय क्षेत्र में एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक हैं।’रनौत ने शुक्रवार को अपनी पहली चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खुद को मंडी के लोगों की ‘‘बेटी और बहन’’ बताया था। उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश से आने के कारण उन्हें लगातार धमकाया जाता है। उन्होंने कहा, मैंने अपने गांव में एक छोटा देवी मंदिर बनवाया है और मनाली में एक घर बनाया है। मैंने अपने लिए एक जगह बनाने के लिए संघर्ष किया और कड़ी मेहनत की। उन्होंने प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, ऐसा नहीं है कि मेरे पिता या पति मुख्यमंत्री हैं और मैं राजनीति में आ गई हूं। बता दें कि मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा सीट शामिल हैं, इनमें से आठ अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मंडी लोकसभा क्षेत्र में पूर्व शाही परिवारों का अच्छा-खासा दबदबा रहा है और इनके वंशजों ने इस सीट के लिए हुए दो उपचुनावों सहित 19 चुनावों में से 13 में जीत हासिल की है।