प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक IndusInd Bank में सोमवार को नेतृत्व स्तर पर बड़ा बदलाव हुआ जब बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कठपालिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे से ठीक एक दिन पहले डिप्टी CEO अरुण खुराना भी अपना पद छोड़ चुके थे। दोनों इस्तीफे ऐसे समय पर आए हैं जब बैंक पर डेरिवेटिव लेनदेन में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

सुमंत काठपालिया एक अनुभवी बैंकर हैं, जिन्हें बैंकिंग क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने इंडसइंड बैंक से पहले सिटीबैंक, बैंक ऑफ अमेरिका और एबीएन एमरो जैसे प्रमुख बहुराष्ट्रीय बैंकों के साथ काम किया है।काठपालिया पिछले 12 वर्षों से इंडसइंड बैंक की मुख्य नेतृत्व टीम का हिस्सा रहे हैं। वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की है।

क्या है मामला?

सूत्रों के मुताबिक, बैंक के कुछ कॉर्पोरेट ग्राहकों ने डेरिवेटिव अनुबंधों में अत्यधिक जोखिम उठाया था, जिससे भारी वित्तीय नुकसान हुआ। कहा जा रहा है कि इन लेन-देन पर बैंक के टॉप मैनेजमेंट की पर्याप्त निगरानी नहीं थी। RBI ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और बैंक से जवाब मांगा था।

नेतृत्व में खालीपन

इन इस्तीफों के बाद IndusInd Bank में नेतृत्व को लेकर अस्थिरता की स्थिति बन गई है। बैंक ने कहा है कि नए CEO की तलाश शुरू हो चुकी है और फिलहाल एक अंतरिम समिति बैंक का संचालन देखेगी।

शेयर बाजार पर असर

इन घटनाओं का असर शेयर बाजार पर भी पड़ा। मंगलवार को IndusInd Bank के शेयरों में लगभग 3.5% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है।

बैंक की प्रतिक्रिया

बैंक ने एक आधिकारिक बयान में कहा:
"हम बैंकिंग के सर्वोत्तम मानकों के पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैंक की संचालन समिति आवश्यक सुधारों को लागू करने के लिए तत्पर है।"