हिंदी-मराठी विवाद: निशिकांत दुबे के बयान पर महाराष्ट्र में मचा सियासी घमासान
मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान को लेकर सियासत गर्मा गई है। झारखंड से बीजेपी के सांसद ने एक्स पर लिखा था कि हिंदी भाषी लोगों को मुम्बई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ । अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फ़ैसला कर लो। उन्होंने कहा कि था कि पटक पटक के मारेंगे। उनके इस बयान पर शरद पवार की पार्टी के नेता राेहित पवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। शिवसेना यूबीटी के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने निशिकांत दुबे की तुलना लकड़बग्घे से की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य की जनता सच्चाई जानती है। ऐसे नेताओं के बयान पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे और संजय राउत के कड़े पलटवार के बाद अब सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है।
मीरा रोड की घटना पर रगड़ा था नमक
मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में मराठी न बोलने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार मालिक की पिट को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधा था। निशिकांत ठाकुर ने नमक रगड़ते हुए कहा था कि राज ठाकरे अगर बहुत बड़े बॉस हैं, तो वे महाराष्ट्र से बाहर आने की हिम्मत दिखाएं, हम हिंदी का विरोध करने वालों को पटक-पटक कर मारेंगे। उन्होंने यह बयान गुवाहाटी में दिया था। वे यहीं पर नहीं रुके थे। दुबे ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोग हमारे पैसे से जी रहे हैं। वहां टाटा, बिड़ला या रिलायंस की कोई यूनिट नहीं है, टाटा ने पहली फैक्ट्री बिहार में बनाई, सेमी कंडक्टर के भी सभी कारखाने गुजरात में हैं। ज्यादातर माइंस झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के पास हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के पास क्या है? इसके बावजूद मुंबई में हिंदी भाषियों का शोषण किया जा रहा है।
फडणवीस भी दुबे के बयान पर बोले
अब निशिकांत दुबे के बयानों पर महाराष्ट्र में सियासत गर्मा गई है। इस बयान पर अब सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पहली बात ऐसी है कि निशिकांत दुबे का बयान यदि आप सुनेंगे तो उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संदर्भ में बोला है, सभी मराठी लोगों के बारे में नहीं। मेरे विचार से इस तरीके का बयान देना योग्य नहीं है, क्योंकि उसका जो मतलब निकलता है वह लोगों के मन में भ्रम पैदा करता है। मैं फिर से कहूंगा कि मराठी मानुष का ऐतिहासिक योगदान इस महाराष्ट्र के निर्माण में है। जब आक्रमणकारियों ने भारत की संस्कृति को खत्म करने का प्रयास किया था, तब भारत की संस्कृति को जिंदा रखने का काम छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज ने किया और इसके बाद मराठाओं ने भारत की संस्कृति को जिंदा रखने के लिए आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
संजय राउत ने किया पलटवार
राज्यसभा सांसद और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने दावा किया महाराष्ट्र में हिंदीभाषी लोगों पर कभी हमले नहीं हुए। संजय राउत ने कहा कि दुबे को सही करना देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की जिम्मेदारी है, वरना फडणवीस और पूरे कैबिनेट इस्तीफा दे दे। इस दौरान ही संजय राउत एनसीपी चीफ और डिप्टी सीएम अजित पवार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। पत्रकारों से बातचीत के दौरान संजय राउत हिंदी-मराठी विवाद पर बोल रहे थे। इस दौरान निशिकांत दुबे को लेकर उन्होंने कहा, ‘कौन है दुबे, फालतू आदमी है। मैं यहां (महाराष्ट्र) के हिंदीभाषी नेताओं से अपील करता हूं कि वे दुबे द्वारा दिए गए बयान की निंदा करें। तभी मैं कहूंगा कि आप महाराष्ट्र से हैं।
निशिकांत दुबे के हमले जारी
झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स लिखा है कि हिम्मत है तो मुंबई के माहिम में ठाकरे बंधु गैर मराठी भाषी को मार कर दिखाएं ,कभी तमिल भाषी को,कभी कन्नड़ भाषी,कभी गुजराती और अब राजस्थान के लोगों को थाने में पीटकर अपनी चौधराहट दिखा रहे हो या मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में अपनी होने वाली हार का जश्न मना रहे हो। एक अन्य पोस्ट में निशिकांत दुबे ने लिखा है भाषा के नाम पर ड्रामा करना चाहते हैं। समय डरने का नहीं डराने नहीं का है, मराठी, गुजराती, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, बंगाली, मलयालम, भोजपुरी, हिंदी पर हमें गर्व है। महाराष्ट्रीयन स्वतंत्रता सेनानी देश के सभी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की तरह आदर्श हैं लेकिन ठाकरे बंधु तुम्हारी गुंडागर्दी का समय खत्म हो चुका है। हम शिवशाही स्थापित कर तुम्हारी पार्टी का सही इलाज करेंगे। मुंबई आर्थिक राजधानी पूरे भारत के खून पसीने से बनी है। दुबे ने यह भी दावा किया है कि मेरा विरोध ठाकरे की गुंडागर्दी से है।