अधिक तापमान ने बढ़ाए लू, तापघात, उल्टी-दस्त के मरीज
पानी की कमी से डिहाइड्रेशन का शिकार होकर लोग पहुंच रहे अस्पताल
भोपाल । पारा 44 डिग्री तक पहुंचने के साथ ही राजधानी में अर्ध बेहोशी, ब्लड प्रेशर लो और उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। हमीदिया और जेपी में अस्पताल पानी की कमी से डिहाइड्रेशन का शिकार होकर हर रोज आठ से दस मरीज पहुंच रहे हैं। इनको आईसीयू तक में भर्ती करना पड़ रहा है। बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में उल्टी, दस्त के साथ लू के शिकार 50 फीसदी मरीज पहुंच रहे हैं। इस तरह के मरीजों को दवाएं देने और ग्लूकोज की बोतल लगाकर वापस किया जा रहा है। साथ ही खानपान में परहेज करने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।
जेपी अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से 60 लू, उल्टी दस्त के शिकार मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब 15 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में 500 से अधिक मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच चुका है। इन मरीजों में लू के साथ ही उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन, घबराहट, जी मचलना जैसी समस्या भी देखने को मिल रही है। इनमें सबसे अधिक वह मरीज शामिल है, जिन्हें दोपहर के समय में बाहर घूमने का काम रहता है।
सिर, कान और गर्दन को ढक कर रखें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि भीषण गर्मी में लू लगने की संभावना अधिक रहती है। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता है, गर्म लाल एवं सूखी त्वचा, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फेरेनहाइट, उल्टी आना, बहुत तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, सांस फूलना या दिल की धडक़न तेज होना, घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द जैसे लक्षण लू के लक्षण हैं। चिकित्सकों ने बताया कि शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को लू के प्रबंधन एवं बचाव के निर्देश जारी किए हैं जिनमें ओपीडी में बैठने की उचित व्यवस्था के साथ ठंडे पेयजल की व्यवस्था करना। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी देना। लू के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रमुख है।
अधिक मात्रा में पीएं पानी
गर्मी व लू से बचाव के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं। साथ ही खाली पेट न रहें, शराब व केफिन के सेवन से बचें, ठंडे पानी से नहाएं, सर ढके व हल्के रंग के ढीले व पूरी बांह के कपड़े पहने, दोपहर 12 से शाम चार के मध्य बाहर जाने से बचें। यदि घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो छाता व धूप के चश्मे का उपयोग करें, धूप में निकलने से पहले कम से कम दो गिलास पानी अवश्य पीएं। ओआरएस का घोल, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, फलों का रस आदि का सेवन लाभदायक होता है।