सूरत । गुजरात हाईकोर्ट ने संत आसाराम बापू की दोषसिद्धि के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है। मामला 2013 के रेप केस से जुड़ा है। गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम बापू की बढ़ती उम्र को देखकर याचिका पर सुनवाई शुरू करने का फैसला लिया है। कोर्ट 4 अप्रैल से उनकी याचिका पर सुनवाई शुरू करेगा।
जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस विमल व्यास की खंडपीठ आसाराम की सजा को निलंबित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। तभी उन्होंने बलात्कार की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई को प्राथमिकता देने का फैसला किया। जस्टिस सुपेहिया ने कहा, वह 10 साल जेल में काट चुके हैं और 85 साल के हैं। हम सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका के बजाय मुख्य अपील पर ही सुनवाई करने वाले है। कोर्ट ने कहा कि हम समर वेकेशन से पहले अपील की सुनवाई पूरी करने की कोशिश करने वाले हैं, ताकी छुट्टियों के बाद फैसला दे सकें।  
बता दें, गुजरात की एक ट्रायल कोर्ट ने जनवरी 2023 में आसाराम बापू को 2013 में सूरत आश्रम में अपनी महिला शिष्या के साथ कई मौकों पर बलात्कार करने का दोषी ठहराया था। आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 346 (गलत कारावास), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत दोषी ठहराया गया था।