चुनावी रणनीति में विफल कांग्रेस
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी में करीबी मुकाबले के बीच कांग्रेस पार्टी एक तरफ जहां टिकट बंटवारे को लेकर लगभग 1 महीने की देरी से चल रही थी वहीं दूसरी ओर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बगावत की स्थितियों से चारों तरफ से जूझती दिखाई दे रही है । पिछले सात दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह की कपड़ा फाड़ राजनीति के बीच विरोध इस सीमा तक पहुंच गया कि कहीं बागी उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हो गए, तो कहीं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पुतला दहन एवं पोस्टर पर कालिख पोतने के नजारे भी सामने आए ।
बगावत एवं विद्रोह के बीच कांग्रेस पार्टी ने दो दिन पहले भी तीन विधानसभा सीटों पर बदलाव किया था, वहीं दूसरी ओर अभी-अभी चार विधानसभा सीटों पर एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों में बदलाव किया है। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी के अंदर बगावत एवं उम्मीदवारों के चयन में बदलाव लगातार जारी है ।
चार सीटों पर बगावत के बाद बदले बड़े उम्मीदवार ।
पिछले 7 दिनों से लगातार चल रहे विरोध के चलते अंतत: कांग्रेस पार्टी के मध्यप्रदेश और शीर्ष नेतृत्व को झुकना ही पड़ा और चार विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का बदलाव करना पड़ा।
सुमावली से अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया गया है, पहले इनके स्थान पर कुलदीप सिकरवार को टिकट दिया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार अजब सिंह कुशवाह ने 24 घंटे पूर्व ही बगावत करते हुए बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर बसपा से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। पिपरिया से वीरेंद्र बेलवंशी को टिकट दिया गया, यहां से पहले गुरुचरण खरे को टिकट दिया गया था। जानकारी के अनुसार गुरु चरण छिंदवाड़ा जिले से होने के कारण इनका लोकल में विरोध हो रहा था । बड़नगर से मुरली मोरवाल को टिकट दिया गया, यहां पहले राजेंद्र सिंह सोलंकी को कांग्रेस ने टिकट दिया था। मुरली मोरवाल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भोपाल प्रदेश कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह का पुतला दहन किया था । जावरा से वीरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया गया है, यहां पहले हिम्मत श्रीमाल उम्मीदवार बनाए गए थे। कुल मिलाकर बदले गए उम्मीदवार सामने आने के बाद अब जो पूर्व में घोषित उम्मीदवारों द्वारा बगावत की स्थिति बन सकती है। बगावत के बाद बगावत के खेल में कांग्रेस पार्टी की उलझनें समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।
इन सीटों पर पूर्व में बदल चुके हैं प्रत्याशी
आज 25 अक्टूबर को जिस तरह से एक बार फिर चार उम्मीदवारों के चयन में बदलाव किया गया है । इसी क्रम में लगभग सात दिन पहले भी तीन विधानसभा सीटों पर भारी विरोध एवं आक्रोश का सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी ने बदलाव किया था । गौरतलब है कि कांग्रेस की दूसरी सूची में पार्टी ने तीन सीटों पर भी प्रत्याशियों को बदला गया था। पहली सूची में दतिया से अवधेश नायक की जगह राजेंद्र भारती, गोटेगांव में शेखर चौधरी की जगह नर्मदा प्रसाद प्रजापति यथावत और पिछोर से शैलेंद्र सिंह का टिकट काटकर अरविंद सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया गया है।
अभी पांच विधानसभा उम्मीदवारों के बदलाव की उम्मीद ।
कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार बदलाव की सूचियां जारी हो रही है। विरोध एवं आक्रोश के बीच शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान उम्मीदवार एवं पिछोर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक के पी सिंह ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर शिवपुरी की एक सभा में कहा था कि मेरा कोई भरोसा नहीं है, मैं अभी उम्मीदवार हूं या फिर से बदल दिया जाऊंगा । अर्थात शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से केपी सिंह की उम्मीदवारी बदल सकती है तो ऐसी स्थिति में पिछोर विधानसभा सीट पर एवं शिवपुरी विधानसभा सीट पर फिर से बदलाव होगा। वहीं दूसरी ओर निवाड़ी विधानसभा सीट से शराब का व्यापार करने वाले अजय राय का लोकल स्तर पर विरोध जारी है एवं भोपाल में संभावित उम्मीदवार रोशनी यादव के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर जबरदस्त उत्पात मचाया । ऐसे ही वर्तमान शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के विरुद्ध एक शराब कारोबारी को शुजालपुर से उम्मीदवार बनाने के बाद से ही जबरदस्त विरोध की स्थितियां स्थानीय स्तर से लेकर भोपाल राजधानी के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर दिखाई दी थी । स्थानीय उम्मीदवार योगेंद्र सिंह उर्फ बंटी बना की उम्मीदवारी को लेकर समर्थक लगातार आज भी बागी बने हुए हैं, संभवत: आने वाले समय में इस विधानसभा सीट पर भी बदलाव की स्थितियां दिखाई देने जा रही है । वहीं दूसरी और बहुचर्चित विधानसभा सीट आमला से नौकरी से त्यागपत्र देने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा मध्य प्रदेश शासन के द्वारा स्वीकृत होने के बाद पहले से घोषित प्रत्याशी मनोज साल्वे को भी बदलने की स्थितियां सामने दिखाई दे रही है ।
कुल मिलाकर आने वाले 48 घंटे के अंदर पांच विधानसभा सीटों पर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी अपने घोषित उम्मीदवारों को बदल सकती है ।