जेन एआई को राजस्व बढ़ाने के अवसर के तौर पर देख रहे कारोबारी
नई दिल्ली । भारतरीय कारोबारी दिग्गज आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और जेनरेटिव एआई का महत्त्व को समझने लगे हैं। यही वजह है कि वे इन्हें एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार 90 प्रतिशत भारतीय कारोबारी दिग्गजों ने अगले 12 से 18 महीनों में इन तकनीक में ज्यादा निवेश करने की योजना बनाई है। इसमें, भारत में 58 प्रतिशत कारोबारियों का कहना है कि वे जेन एआई को राजस्व और नवाचार बढ़ाने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं। कैपिजेमिनाई ने भारत समेत 15 देशों के 2,000 संगठनों के कारोबारी दिग्गजों और विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया, जिनमें वाहन, उपभोक्ता उत्पाद, बैंकिंग और पूंजी बाजार, जीवन विज्ञान, दूरसंचार, मीडिया, हाई-टेक, विनिर्माण और ऊर्जा मुख्य रूप से शामिल हैं।सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत भारतीय कारोबारी दिग्गज अपने संस्थान के लिए संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं। वैश्विक तौर पर 56 प्रतिशत का मानना है कि अपने संगठन के भविष्य को लेकर उनकी उम्मीदों में बदलाव आया है।
भारत में 82 प्रतिशत व्यापार प्रमुख 2024 में डिजिटल टूल्स और तकनीकों में निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। सर्वे में शामिल 90 प्रतिशत उद्यमियों ने एआई और जेन एआई में ज्यादा निवेश की योजना बनाई है, 92 प्रतिशत ने क्लाउड, 73 ने साइबर सुरक्षा और 71 प्रतिशत ने डिजिटल में निवेश की योजना तैयार की है।50 प्रतिशत भारतीय दिग्गजों का मानना है कि बिजनेस वृद्धि में साइबर सुरक्षा मुख्य जोखिम है, जबकि वैश्विक तौर पर 61 प्रतिशत लोगों का ऐसा मानना है। 37 प्रतिशत भारतीय व्यापार दिग्गजों और 48 प्रतिशत वैश्विक प्रमुखों का मानना है कि तापमान परिवर्तन भविष्य में परिचालन को प्रभावित करने वाला मुख्य कारक होगा।
वैश्विक रूप से व्यवसाय दिग्गज आपूर्ति श्रृंखला को अभी भी जोखिम वाला क्षेत्र मानते हैं, जबकि भारत में 47 प्रतिशत कारोबार दिग्गजों का मानना है कि नकदी और वित्तीय स्थिति का ज्यादा जोखिम है, वहीं इनमें से 33 प्रतिशत का कहना है कि ब्रांड साख भारत में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।सर्वे में शामिल भारतीय व्यापार प्रमुखों के अनुसार उन्होंने ग्राहक अनुभव जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें 67 प्रतिशत का इजाफा होने का अनुमान है। वहीं इंजीनियरिंग/आरऐंडडी/ उत्पाद या सेवा नवाचार में 61 प्रतिशत वृद्धि, प्रतिभा और कौशल में 53 प्रतिशत और सस्टेनेबिलिटी में 51 प्रतिशत निवेश वृद्धि का अनुमान जताया गया है।