भोपाल ।    मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए हॉट सीट बन गई है। इस सीट से वर्तमान में कांग्रेस के पीसी शर्मा विधायक हैं जो कि पूर्व की कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं । 2018 के विधानसभा चुनाव में पीसी शर्मा ने भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को हराया था। इस बार इस सीट से भाजपा के कई दिग्गज चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यदि बात करें भाजपा के दावेदारों की तो यहां से भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह दावेदारी कर रहे हैं। इनके अलावा बीडीए के उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल और भाजपा के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इनके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता व 2 बार के नगर निगम पार्षद व वर्तमान में नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी दावेदारी कर रहे हैं। किशन सूर्यवंशी इसलिए दावेदारी कर रहे है क्योंकि  दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के  बाण गंगा, रोशनपुरा झूग्गी , नया बसेरा कोटरा, अंबेडकर नगर , सुदामा नगर ,नेहरू कालोनी बाल्मिकी बस्ती ,राहुल नगर पंपापुर ,पंचशील नगर ,दुर्गा नगर वस्ती ,भीम नगर बस्ती मंत्रालय के सामने, सबरी नगर ,माँडवा बस्ती आईआईएफएम,बापू नगर, सेबंनिया गोंड ,श्याम नगर  ये सभी इलाके अनुसूचित जाति बाहुल्य है जहां लगभग 65 से 70 हज़ार मतदाता हैं। इस हिसाब से किशन सूर्यवंशी की दावेदारी को प्रबल माना जा रहा है। किशन सूर्यवंशी भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष के साथ भाजपा के ज़िला महामंत्री भी हैं। यह  बाल्यकाल से संघ स्वयं सेवक  1992 से 93  संघ विस्तारक रहे हैं।  संघ के शिक्षा वर्ग शिक्षित हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महानगर संयोजक एंव अन्य कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों का निर्वाहन  किया है। दो बार दक्षिण पश्चिम विधानसभा से पार्षद भी चुने गए हैं। हर बार चुनाव में जीत का मार्जिन भी बड़ा है। इन्हीं समीकरण के आधार यदि पार्टी किशन सूर्यवंशी पर अपना दांव लगाती है तो इस सीट पर भाजपा की जीत हो सकती है। वहीं यदि बात करें कांग्रेस पार्टी की तो यहां से पीसी शर्मा को टिकट मिलना लगभग तय है लेकिन यहां से युवा नेता संजीव सक्सेना भी चुनाव की तैयारी में है।  संजीव सक्सेना क्षेत्र के युवाओं में लोकप्रिय हैं। और उनके भाई प्रवीण सक्सेना भी तीसरी बार के पार्षद हैं। प्रवीण सक्सेना 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार भी यदि कांग्रेस पार्टी ने संजीव सक्सेना को टिकट नहीं दिया तो यहां कांग्रेस के लिए मुश्किल बड़  सकती हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि संजीव सक्सेना कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ते हैं तो  30 से 40 हजार वोट लाकर कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं। पीसी शर्मा और संजीव सक्सेना के अलावा यहां से अमित शर्मा,संतोष कंसाना भी प्रमुख दावेदार हैं। इस लिए दक्षिण पश्चिम विधानसभा के प्रत्याशी पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।