नई दिल्ली । जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, पा‎र्टियां अपनी पकड़ और मजबूत करती जा रही है। इस बार बीजेपी जीरो लैंड पर ज्यादा फोकस कर रही है। ‎जिसके ‎लिए प‎रिवर्तन यात्राएं ‎निकाली जा रही हैं। गौरतलब है ‎कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब तीन महीने से भी कम समय बचा है। चुनाव करीब आते ही सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस जहां युवा संवाद, भरोसे का सम्मेलन जैसे आयोजनों के जरिए जनता के बीच पैठ मजबूत करने की कवायद में है। वहीं बीजेपी भी परिवर्तन यात्रा के जरिए सरकार की विफलताएं, केंद्र सरकार की उपलब्धियां लेकर जनता के बीच जाने को तैयार है। बीजेपी का प्लान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को उनके ही गढ़ में घेरने की है। पार्टी का फोकस जीरो लैंड यानी उन इलाकों पर है जिन इलाकों में पार्टी अभी शून्य सीट पर है। छग् के दो संभाग ऐसे हैं जहां की एक भी सीट बीजेपी के पास नहीं है। बीजेपी ने अब सीटों के लिहाज से बंजर सियासी जमीन पर वोटों की फसल उगाने के लिए नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी की है।
बीजेपी का फोकस जीरो लैंड पर है, यही वजह है कि पार्टी सूबे में दो परिवर्तन यात्राएं निकालने जा रही है और इन दोनों ही यात्राओं की शुरुआत के लिए जीरो लैंड के इलाकों को ही चुना गया है। बीजेपी की पहली परिवर्तन यात्रा आज यानी 12 सितंबर को बस्तर जिले के दंतेवाड़ा से शुरू हो रही है। दूसरी यात्रा की शुरुआत 15 सितंबर को जशपुर से होगी। दंतेवाड़ा बस्तर संभाग में आता है जबकि जशपुर सरगुजा संभाग में। 90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा की 26 सीटें इन्हीं दो संभाग में हैं। गृह मंत्री अमित शाह 12 सितंबर को बस्तर जिले के दंतेवाड़ा से बीजेपी की पहली परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गृह मंत्री शाह दंतेवाड़ा में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले शाह के मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन-पूजन करने का भी कार्यक्रम है। 
गौरतलब है कि दंतेवाड़ा, बस्तर संभाग में आता है जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह संभाग भी है। दूसरी परिवर्तन यात्रा जशपुर से निकलेगी जिसे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे। जशपुर, सरगुजा संभाग में आता है जो डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का संभाग है। बीजेपी राजस्थान में चारो दिशाओं से चार परिवर्तन यात्राएं निकाल रही है। मप्र में भी क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद में पार्टी पांच जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही है। ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि पांच संभाग वाले छत्तीसगढ़ में बस दो परिवर्तन यात्राएं और बस्तर-सरगुजा संभाग पर ही फोकस क्यों ‎किया जा रहा है। विधानसभा के आंकड़े और छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्व पर गौर करें तो तस्वीर और रणनीति स्पष्ट हैं।