• कर्नाटक यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने रखी दो रेलवे परियोजनाओं की नींव, शिवमोगा को दी नए एयरपोर्ट की सौगात 


बेंगलुरू । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवमोग्गा हवाईअड्डे के उद्घाटन के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज शिवमोग्गा को अपना एयरपोर्ट मिल गया है। यहां लंबे समय से  एयरपोर्ट बनाए जाने की मांग की जा रही थी। यह मांग आज पूरी हो गई है। शिवमोग्गा एयरपोर्ट बहुत ही भव्य बना है। यह बहुत सुंदर है। यह सिर्फ एयरपोर्ट नहीं है। इसे क्षेत्र के लोगों के सपनों की नई उड़ान की तरह देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कांग्रेस के कार्यकाल में एयर इंडिया को घोटालों के लिए जाना जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में कर्नाटक का विकास अभिवृद्धि के रथ पर चल चुका है। अभिवृद्दि रथ प्रगति पथ पर दौड़ रहा है। ये प्रगति रथ रेलवे, रोडवेज, डिजिटल कनेक्टिविटी का है। पहले जब कर्नाटक के विकास की चर्चा होती थी तो यह बड़े शहरों के आसपास तक ही सीमित रहती थी, लेकिन डबल इंजन सरकार इस विकास को कर्नाटक के गांवों तक, टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रही है। 
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के राज में एअर इंडिया की पहचान घोटालों के लिए होती थी, घाटे वाले बिजनेस मॉडल के रूप में होती थी, लेकिन आज एअर इंडिया भारत के नए सामर्थ्य के रूप में विश्व में नई ऊंचाई, नई उड़ान भर रहा है। आज भारत के एविएशन सेक्टर का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवमोग्गा स्मार्ट सिटी, कोटेगंगूरु रेलवे कोचिंग डिपो सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया। इस साल चुनावी राज्य कर्नाटक का यह पीएम मोदी का पांचवां दौरा है। पीएम मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में हवाई अड्डे का निरीक्षण किया। नया हवाई अड्डा लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया। इसका यात्री टर्मिनल भवन कमल के आकार का है और इसमें प्रति घंटे 300 यात्री बैठ सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कर्नाटक यात्रा  के दौरान दो रेलवे परियोजनाओं शिकारीपुरा-रानीबेन्नूर नई रेलवे लाइन और कोटेंगुरु रेलवे कोचिंग डिपो की आधारशिला भी रखी। शिवमोग्गा-शिकारीपुरा-रानीबेन्नूर नई रेलवे लाइन 990 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी और बेंगलुरु-मुंबई मेनलाइन के साथ मलनाड क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
शिवमोग्गा शहर में कोटेगंगुरु रेलवे कोचिंग डिपो को 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा ताकि शिवमोग्गा से नई ट्रेनें शुरू करने में मदद मिल सके और बेंगलुरू और मैसूरु में कम रखरखाव सुविधाएं मिल सकें।