भोपाल । कांग्रेस ने गुना सीट पर भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने यादवेेंद्र सिंह को टिकट दिया है। पहले यह चर्चा थी कि अरूण यादव को सिंधिया के सामने चुनाव लड़ाया जा सकता है। गुना लोकसभा सीट की तस्वीर साफ होने के बाद अब अरुण यादव को खंडवा लोकसभा सीट सेे उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
ग्वालियर और मुरैना सीट के अलावा खंडवा सीट को भी कांग्रेस ने होल्ड पर रखा है। यादव खुद खंडवा से लडऩा नहीं चाहते है,लेकिन हाईकमान की पंसद अरुण है। सुरेंद्र सिंह शेरा और राजनारायण पुरनी भी खंडवा लोकसभा सीट से दावेदार है। हाईकमान अरुण यादव को लोकसभा चुनाव में आगे कर अेाबीसी कार्ड खेलना चाहते हैै। वे दो बार सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है।भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के वोटबैंक को साधने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। इसलिए कांग्रेस भी अरुण यादव को महत्व दे रही है, लेकिन यादव अपने समर्थक पूनम पटेल को टिकट दिलाना चाहते है। पटेल गुर्जर समाज से आते है। गुर्जर समाज का खंडवा लोकसभा सीट में अच्छा खासा वोटबैंक है।
उपचुनाव भी नहीं लड़ा था यादव ने
भाजपा सांसद नंदकुमार चौहान की मौत के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस चाहती थी कि अरुण कांग्रेस उम्मीदवार बने, लेकिन उन्होंने तब चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया था। अरुण यादव की गिनती निमाड़ के बड़े नेताअेेां में होती है, लेकिन वे लोकसभा के अलावा विधानसभा चुनाव भी निमाड़ की किसी सीट से नहीं लडऩा चाहते है। वर्ष 2018 में भी उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बुधनी से चुनाव लड़ा था। उनके गृह जिले कसरावद की विधानसभा सीट से उनके छोटे भाई सचिन यादव चुनाव लड़े थे और विधायक बने थे।
ग्वालियर से पूर्व सांसद, पूर्व विधायक के नामों पर चर्चा
ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर या पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को चुनाव लड़ा सकती है। इसके अलावा मुरैना सीट पर विधायक पंकज उपाध्याय और सत्यपाल सिंह सिकरवार में से कांग्रेस किसी एक को उम्मीदवार बना सकती है।