तीसरे टेस्ट मैच से पहले चयनकर्ता ले सकते हैं कड़ा फैसला, इस खिलाड़ी के लिए हो सकते हैं टीम के दरवाजे बंद
बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद रन नहीं बना पा रहे मध्यक्रम बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के लिए भारतीय टीम के दरवाजे बंद होते जा रहे हैं। बीसीसीआई और चयनकर्ता श्रेयस के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं और राजकोट में 15 फरवरी से होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में टीम से उनका पत्ता कट सकता है।
विशाखापत्तनम टेस्ट की दो पारियों में श्रेयस सिर्फ 27 और 29 रन ही बना पाए और उनकी लगातार विफलता ने टीम में उनकी जगह खतरे में डाल दी है। अय्यर के नाम पिछली 13 टेस्ट पारियों में उनके नाम एक भी अर्धशतक नहीं है। उन्होंने अपना अंतिम अर्धशतक दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के विरुद्ध ढाका टेस्ट में लगाया था। टीम प्रबंधन अब उनकी जगह घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे सरफराज खान को आजमा सकता है।
श्रेयस अय्यर की जगह सरफराज खान को मिल सकता है मौका
दरअसल, सरफराज खान ने हाल ही में इंग्लैंड लायंस के विरुद्ध शानदार 161 रन की पारी खेली थी और उन्हें केएल राहुल की जगह भारतीय टीमे में शामिल किया गया था। बीसीसीआई सूत्रों ने बताया कि श्रेयस को बहुत मौके दिए जा चुके हैं और अब टीम प्रबंधन को कड़ा फैसला लेना होगा। श्रेयस को लेकर चयनकर्ताओं का धैर्य भी जवाब दे रहा है।
अब इंग्लैंड के विरुद्ध खराब प्रदर्शन ने टेस्ट टीम में उनकी जगह पर सवालिया निशान लगा दिया है। अगर श्रेयस के टेस्ट करियर पर नजर डाले तो इस प्रारूप के उन्होंने 13 मुकाबले खेले हैं और 22 पारियों में वह 37.75 की औसत से 755 रन ही बना पाए हैं, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक ही शामिल है। विशाखापत्तनम टेस्ट से पहले उनकी 10 टेस्ट पारियां को देखें तो उनका सर्वाधिक स्कोर 35 रन रहा है।
घरेलू क्रिकेट खेलते हुए नजर आ सकते हैं अय्यर
माना जा रहा है कि अय्यर को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कहा जा सकता है। इससे पहले, ईशान किशन को भी टीम प्रंबधन की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलकर वापसी करने के लिए कहा जा चुका है।
गिल को दिया जा चुका था अल्टीमेटम
इससे पहले, हैदराबाद टेस्ट की दूसरी पारी में शून्य पर आउट होने के बाद टीम प्रबंधन की ओर से गिल को अल्टीमेटम दे दिया गया था कि विशाखपत्तनम में उनके पास नंबर तीन पर खुद को साबित करने का यह अंतिम अवसर होगा। अगर वह विफल रहते हैं तो उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए तैयार रहना होगा।
दरअसल, राजकोट में तीसरा टेस्ट शुरू होने से पहले गिल के पास एक सप्ताह का समय था, जिसमें वह घरेलू क्रिकेट खेलकर अपनी कमियों को दूर करते। अगर विशाखापत्तनम में रविवार को उन्होंने शतक नहीं बनाया होता तो वह शायद मोहाली पहुंच गए होते, जहां पंजाब की टीम को नौ फरवरी से गुजरात के विरुद्ध रणजी ट्राफी मैच खेलना है।
गिल अपनी पिछली नौ पारियों में 36 के सर्वोच्च स्कोर के साथ 153 रन ही बना पाए थे और टेस्ट टीम में उनकी जगह खतरे में थी। हाल में गिल के प्रदर्शन पर भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने भी सवाल उठाए थे। कुंबले ने कहा था कि खराब फार्म से जूझ रहे गिल के पास जिस तरह की सुरक्षा है, उतनी कभी चेतेश्वर पुजारा को नहीं मिली। वहीं रवि शास्त्री ने कहा था कि आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि पुजारा बाहर इंतजार कर रहे हैं और उनका रणजी सत्र शानदार रहा है।