नई दिल्ली । जहां ‎दिल्ली में राष्‍ट्रीय जनतां‎त्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक हुई वहीं बेंगलुरू में व‍िपक्षी पार्ट‍ियों के घटक दलों की नई मीट‍िंग हुईं। व‍िपक्ष के 26 दलों की दो द‍िवसीय मीट‍िंग में नहीं बुलाए जाने पर अब असदुद्दीन ओवैसी की अगुआई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी ने सवाल खड़े क‍िए हैं। एआईएमआईएम के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता वार‍िस पठान ने बेंगलुरु मीट‍िंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा क‍ि कथित धर्मन‍िरपेक्ष पार्ट‍ियों की ओर से उनकी पार्टी को शाम‍िल होने के ल‍िए न्‍योता नहीं भेजा। उनके ल‍िए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ‘राजनीत‍िक अछूत’ है। उन्‍होंने बेंगलुरु में मंगलवार को संपन्न हुई विपक्ष की दो दिवसीय बैठक में एआईएमआईएम को आमंत्रित नहीं करने के लिए समान विचारधारा वाले 26 दलों पर निशाना साधते हुए कहा क‍ि कथ‍ित धर्मन‍िरपेक्षों के ल‍िए हम ‘राजनीत‍िक अछूत‘ हैं। उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि कोई कैसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को इग्‍नोर कर सकता है। 
वार‍िस पठान ने कहा क‍ि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओवैसी और उनकी पार्टी बीजेपी को हराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेक‍िन यह व‍िपक्षी दलों का गठबंधन एआईएमआईएम की उपेक्षा कर रहा है। पठान ने समान व‍िचारधारा वाले इन 26 दलों के कई नेताओं पर न‍िशाना साधते हुए उनको कथ‍ित धर्मन‍िरपेक्ष बताते हुए कहा क‍ि इसमें वो द‍ल और उसके नेता हैं जो क‍ि भाजपा की गोद में बैठकर सरकार चला चुके हैं या भाजपा के साथ रहे हैं जैसे नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे और महबूबा मुफ्ती शाम‍िल हैं। वहीं उन्‍होंने द‍िल्‍ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्‍ट्रीय संयोजक अरव‍िंद केजरीवाल पर भी न‍िशाना साधते हुए कहा क‍ि वो गुजरात व‍िधानसभा चुनाव में कांग्रेस को खूब गाल‍ियां देते और कोसते रहे हैं। लेक‍िन वहीं केजरीवाल बेंगलुरु में कांग्रेस के साथ बैठते हैं। जबक‍ि एआईएमआईएम भाजपा को 2024 के चुनाव में हराने के ल‍िए पूरे प्रयास कर रही है। लेक‍िन व‍िपक्षी दल असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी की उपेक्षा कर रहा है।
गौरतलब है क‍ि दो द‍िवसीय बेंगलुरु मीटिंग में समान व‍िचारधारा वाले 26 व‍िपक्षी दलों के समूह ने एक नाम पर इंड‍िया यानी इंड‍ियन नेशनल डेवेल्‍पमेंटल इन्‍क्‍लूस‍िव अलायंस पर सहमत‍ि जताई है। इस नाम का प्रस्‍ताव वेस्‍ट बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्‍ताव‍ित क‍िया था। इस पर लंबी चर्चा के बाद ही इस नाम पर अं‍त‍िम सहमत‍ि बनी।