मध्य प्रदेश के 5 शहरों में गूंजेंगे सायरन, शाम 7 बजे ब्लैक आउट, क्या है युद्ध की मॉक ड्रिल

इंदौर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब भारत ने पाकिस्तान को दे दिया है. पहलगाम में बेकसूर 26 लोगों को निर्मम तरीके से मरवाने का खामियाजा पाकिस्तान भुगत लिया. पहलगाम हमले के बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी चल रही है. युद्ध के आसार को देखते हुए भारत सरकार ने बुधवार को पूरे देश में मॉक ड्रिल रखा है. देश के कई अहम व संवेदनशील इलाकों के साथ ही मध्यप्रदेश के भी 5 शहरों भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और कटनी में मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
देश के 244 जिलों में होगा मॉक ड्रिल
दुश्मन देश के हवाई हमले से बचाव के लिए मॉक ड्रिल होगा. मॉक ड्रिल के दौरान बताया जाएगा कि नागरिकों को हवाई हमले से कैसे बचाया जाता है. इसको लेकर सरकार की गाइडलाइन है, जिसका पालन मध्य प्रदेश के 5 शहरों में मॉक ड्रिल के दौरान किया जाएगा. बता दें कि देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल होना है. दरअसल, युद्ध या आपात स्थिति के दौरान देश में नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन हालांकि भारत सरकार की जिम्मेदारी होती है लेकिन उसका पालन आम नागरिकों को ही करना होता है.
अहम व संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा की पड़ताल
इसे लेकर सिविल डिफेंस अधिनियम 1968 के तहत नागरिक सुरक्षा के प्रावधान किए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से नागरिकों की सुरक्षा के अलावा देश के महत्वपूर्ण संस्थान परमाणु एवं अन्य उद्योग प्रतिष्ठान जल विद्युत परियोजनाएं सबसे महत्वपूर्ण होती हैं, जिनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. जब संभावित युद्ध की आपदा होती है तो केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार की पुलिस, रेलवे, स्वास्थ्य, एयरपोर्ट आदि द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
एमपी के 5 शहरों में मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी
निर्धारित समय पर होने वाली मॉक ड्रिल में हवाई हमले के दौरान बचाव के लिए बजाया जाने वाला सायरन 2 मिनट तक ऊंची और नीची आवाज में बजाया जाता है. इसके बाद खतरा टलने पर 2 मिनट तक वापस सायरन बजाकर सूचना दी जाती है. इस दौरान सभी घर, कार्यालय एवं अन्य संस्थाओं की लाइट को बंद कर दी जाती है. सायरन बजने पर लाइट फिर से चालू की जा सकती है. इस दौरान सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां भी जहां की तरह ठहर जाती हैं, जिनकी लाइट बंद कर दी जाती है. जब खतरा टल जाता है तो यातायात सुचारू शुरू हो सकता है.
गाइडलाइन के अनुसार अस्पतालों में बनेंगे रेड क्रॉस
भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी अस्पतालों को हवाई हमले से बचाने की गाइडलाइन के अनुसार लाल कलर से रेड क्रॉस का निशान लगाया जाता है, जिससे कि उड़ान भरते समय युद्ध विमान को पता चलता है कि संबंधित इमारत अस्पताल की है. इसके अलावा सभी स्ट्रीट लाइट भी समय के अनुसार बंद की जाती हैं. इस दौरान आम नागरिकों को भी लाइट बंद करनी होती है, जो इमरजेंसी लाइट घर में जलती है उसका प्रकाश भी बाहर निकलने से रोकना होता है.
एमपी के इन 5 शहरों में बजेंगे सायरन
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश के 5 जिलों में बुधवार को मॉक ड्रिल के निर्देश दिए गए हैं. ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं कटनी में यह अभ्यास शाम 4 बजे से 8 बजे के मध्य किया जाएगा. हवाई हमले होने की स्थिति में कैसे बचा जाना है, इसकी जानकारी के साथ अभ्यास होगा. इन 5 जिलों में ब्लैकआउट होगा. इस ब्लैकआउट के साथ ही किसी निश्चित भवन में आग लगने पर खोज एवं बचाव के अभ्यास, आकस्मिक रूप से निर्धारित भवन से लोगों का बचाव करने, अस्थाई रुप से अस्पताल बनाने और खतरे वाले स्थान से नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर भेजने इत्यादि का अभ्यास किया जाएगा.इस अभ्यास की सूचना राज्य के कंट्रोल रूम को दी जाएगी.
इंदौर में 12 स्थानों पर होगी मॉक ड्रिल
इंदौर में 54 वर्षों बाद एक बार फिर हवाई चेतावनी सायरनों की आवाज सुनाई देगी. शहर के राजवाड़ा, श्रमिक, अन्नपूर्णा, एरोड्रम, बाणगंगा समेत 12 क्षेत्रों बुधवार दोपहर तक सायरन बजेंगे. प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और इसके लिए वालंटियर्स नियुक्त किए जाएंगे, जो स्थानीय नागरिकों को सायरन बजने की स्थिति में अपनाए जाने वाले निर्देशों की जानकारी देंगे. इस अभ्यास में पुलिस, प्रशासन, एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स, होमगार्ड, सिविल डिफेंस वार्डन और कॉलेजों के छात्र सक्रिय भागीदारी करेंगे. इंदौर में शाम 7 बजे शहर में ब्लैकआउट किया जाएगा. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.