दिलीप घोष बंधेंगे शादी के बंधन में, कोलकाता में होगी सादगी से रस्में

पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. वो शुक्रवार को अपने कोलकाता स्थित आवास पर रिंकी मजूमदार से शादी करेंगे. दिलीप घोष 60 साल की उम्र में पहली शादी कर रहे हैं. घोष 19 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े गए थे और अब 41 साल के बाद अपनी मां के कहने पर शादी करने का फैसला किया है. दिलीप घोष की मां अपने बेटे की शादी में शामिल होने के लिए कल ही कोलकाता पहुंच गई है.
दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार शुक्रवार को एक बहुत ही निजी समारोह में विवाह बंधन में बंध जाएंगे. दिलीप और रिंकू के करीबी रिश्तेदार ही शादी में शामिल होंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि दिलीप घोष की दुल्हन बनने जा रही रिंकी मजूमदार कौन है और कैसे उनकी दोस्ती अब शादी में बदलने जा रही है?
दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार कौन हैं?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार बनने जा रही हैं. रिंकी मजूमदार 50 साल की हैं और वो तलाकशुदा हैं. रिंकी का एक 25 साल का बेटा भी है, जो आईटी सेक्टर में नौकरी करता है. रिंकी मजूमदार बीजेपी की सक्रिय सदस्य हैं और पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हुई हैं. घोष और मजूमदार एक ही पार्टी में ही नहीं बल्कि एक ही इलाके कोलकाता के न्यूटाउन में रहते भी हैं.
कैसे करीब आए दिलीप और रिंकी मजूमदार
दिलीप घोष जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष थे, तभी एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात रिंकी मजूमदार से हुई थी. दिलीप घोष के कहने पर ही रिंकी मजूमदार बीजेपी में शामिल हुई थी. 2021 में रिंकी मजूमदार की दिलीप घोष से दोस्ती हुई और फिर उनकी दोस्ती प्रेम में बदल गई. 2024 में दिलीप घोष लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद काफी उदास थे, तो रिंकी मजूमदार ने दिलीप घोष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था.
रिंकी मजूमदार ने कहा था कि वे साथ मिलकर परिवार शुरू करना चाहती हैं, उन्होंने कहा कि अब उनके साथ कोई नहीं है और तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं. दिलीप घोष ने उस समय शादी से मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर विचार कर सहमत हो गए. दिलीप घोष की शादी करने के लिए उनकी मां ने मनाने का काम किया था.
संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह भी एहसास हुआ कि जीवन का यह चक्र भी पूरा होना चाहिए. ईडन गार्डन स्टेडियम में तीन अप्रैल को केकेआर के आईपीएल मैच दिलीप घोष, रिंकी मजूमदार और उनका 25 साल का बेटा देखने गए थे.
रिंकी ने कैसे मनाया शादी के लिए
रिंकू मजूमदार ने दिलीप घोष को शादी के लिए तैयार करने के लिए काफी मशक्कत की है. रिंकी ने खुद दिलीप घोष की मां को अपने बेटे की शादी के लिए मनाने की कोशिश की थी. दिलीप अपनी मां पुष्पलता घोष को अपने न्यूटाउन स्थित घर ले आए हैं. बताया जाता है कि रिंकू ने वहां BJP नेता की मां से मुलाकात की और बातचीत की. इसके बाद ही पुष्पलता घोष ने अपने बेटे दिलीप घोष को शादी के लिए राजी किया.
दिलीप की मां चाहती थीं कि दिलीप शादी कर लें और परिवारिक जीवन शुरू करें. फिर वह अपनी बहू के साथ कुछ समय बिता सकेंगे. दिलीप की मां उनके साथ रहती है. दिलीप का जीवन राजनीतिक है. आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. बीजेपी उन्हें फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. चुनावी अभियान के लिए उनकी जरूरत होगी. उन्हें पूरे राज्य का भ्रमण करना पड़ेगा.
दिलीप की शादी की खबर गुरुवार को मीडिया में फैलनी शुरू हुई, जब सीधे तौर पर उनसे मीडिया इस संबंध में पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि क्यों,क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना कोई अपराध है? इसके बाद ही फाइनल हो गया है कि दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया.
दिलीप की शादी की सियासी हलचल
दिलीप घोष अपने साल 60 साल के सफर में पहली शादी करने जा रहे हैं. दिलीप घोष 1984 में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए थे. 2014 से भाजपा में एक्टिव हुए हैं. संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते थे,लेकिन मां की बात मानते हुए रजामंद हुए हैं. दिलीप घोष की शादी को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है.
दिलीप घोष की शादी की खबर आते ही बीजेपी के अंदर बवाल मचा हुआ है. यह भले ही घोष का व्यक्तिगत मामला हो, लेकिन पार्टी में कुछ लोगों का कहना था कि दिलीप घोष को समय का ध्यान रखना चाहिए था. सूत्रों की मानें तो स्थिति को भांपते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित पार्टी के एक वर्ग ने दिलीप घोष को शादी न करने की सलाह दी, लेकिन अपने फैसले से पीछे नहीं हटे. हालांकि, पार्टी खेमे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि कहीं दिलीप की शादी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के मन में उनकी छवि तो खराब नहीं कर दी है.