नीम करौली बाबा के आश्रम कैंची धाम में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं. यह आश्रम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है. नीम करौली बाबा एक प्रसिद्ध भारतीय संत थे जिन्होंने मार्गदर्शक के रूप में अपनी बातों से लाखों लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने हमेशा प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक विकास का संदेश दिया. कैंची धाम में देश-विदेश से हजारों लोग शांति और आत्म-ज्ञान की तलाश में आते हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे अगर आप कैंची धाम जा रहे हैं तो वहां किस सेवा में जरूर सहयोग करें, जिससे आपको वहां जाने पर अधिक से अधिक पुण्य फल प्राप्त हो. तो चलिए जानते हैं…

नीम करौली बाबा कौन थे?
बाबा जी एक महान आध्यात्मिक गुरु और हनुमान जी के परम भक्त थे. उनका असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोज़ाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था. उन्हें उनके भक्त “महाराज जी” कहकर पुकारते हैं. बाबा जी ने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया. बात करें “कैंची धाम” की तो इसका नाम इस जगह पर दो पहाड़ियों के कैंची जैसी क्रॉस आकृति में मिलने की वजह से पड़ा.

 इस सेवा में सहयोग जरूर करें
अगर आप नीम करौली बाबा के आश्रम कैंची धाम जा रहे हैं और वहां सच्ची श्रद्धा भाव से आश्रम में सेवा करना चाहते हैं, तो वहां आश्रम कार्यालय के कर्मचारियों से उस दिन होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी ले सकते हैं. आप सब्ज़ी काटने, रसोई की सफाई, मंदिर की सफाई, कीर्तन में साथ देने जैसे कार्यों में सहयोग कर सकते हैं. अगर आप ऐसा सच्चे मन से करते हैं तो आपको आपकी यात्रा का अधिक से अधिक पुण्य फल प्राप्त होगा और आपकी ये यात्रा यादगार बन जाएगी.

कैसे पहुंचें?
सबसे पास का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो कैंची धाम से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. वहां से टैक्सी, बस या साझा जीप मिल जाती है.

नियम और अनुशासन

    मोबाइल और कैमरा का उपयोग मंदिर परिसर में मना है.
    शराब, मांस और तंबाकू पूरी तरह प्रतिबंधित है.
    आरती, सत्संग और पूजा में भाग लेना अच्छा माना जाता है.
    दूसरों से नम्रता से पेश आएं, ज्यादा बातें करने से बचें.
    मंदिर में प्रवेश से पहले जूते उतारें और सिर ढकें.