भोपाल । द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों और इसमें हिस्सा लेने वाले दिवंगत सैनिकों की पत्नियों की सम्मान निधि में मध्यप्रदेश सरकार इजाफा करने जा रही है। गृहमंत्री एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सम्मान निधि अब 15 हजार रुपए प्रतिमाह दी जाएगी। द्वितीय विश्व युद्ध के नॉन पेंशनर भूतपूर्व सैनिक और दिवंगत सैनिकों की पत्नियों को अभी 8 हजार रुपए प्रतिमाह सम्मान निधि दी जा रही है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने भूतपूर्व सैनिक और उनकी पत्नियों की संख्या 112 है। इनमें 2 भूतपूर्व सैनिक हैं। 2 भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियां हैं।
भोपाल में अपने आवास पर मीडिया से चर्चा में गृहमंत्री ने यह भी बताया कि 15 अगस्त को आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 कैदी रिहा किए जाएंगे। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें हैं। जिन बंदियों की सजा में अपील लंबित है, तो ऐसे केस में निराकरण के बाद ही इनकी रिहाई हो सकेगी। जिन्हें जुर्माने से दंडित किया गया है, राशि भरने के बाद ही रिहाई संभव होगी। किसी दूसरे केस में भी उन्हें सजा हुई है, तो उस केस की सजा पूरी होने पर रिहाई होगी। जिन्हें दूसरे केस में जमानत नहीं मिली, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जाएगा, सजायाफ्ता के रूप में नहीं। किसी दूसरे राज्य के केस में दंडित किया गया है, तो वहां के राज्य में स्थानांतरित किया जाएगा।

रेप के अपराधी नहीं होंगे रिहा
गृह एवं जेल मंत्री ने कहा, पहले आजीवन कारावास वाले कैदी साल में दो बार रिहा किए जाते थे। हमने इसमें सुधार किया है। अब साल में चार बार कैदी रिहा किए जाने लगे हैं। ऐसा देखने में आया है कि कुछ कैदियों की अवधि हो जाती है, लेकिन उनकी रिहाई 4 - 5 महीने बाद 15 अगस्त, 26 जनवरी को होती थी। अब साल में 4 बार में कैदी रिहा किए जा रहे हैं। गांधी जयंती और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती भी इसमें पिछले साल से बढ़ाई गई है। पिछली बार 2 अक्टूबर, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और 15 अगस्त के दिन कैदियों को रिहा करने की व्यवस्था शुरू कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त 15 गैर आजीवन कारावास बंदियों को भी इसमें छूट दी जा रही है। गृहमंत्री ने यह भी साफ तौर पर कहा कि रेप के अपराधियों की रिहाई नहीं की जाएगी।

भाजपा सेवा की राजनीति करती है, कांग्रेस वोट की
चुनावी साल में दलितों की राजनीति करने के कांग्रेस के आरोपों पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, कभी ऐसा मौका नहीं आया, जब उन्होंने हमारी तारीफ की हो। हमें कांग्रेस से तारीफ की उम्मीद नहीं है और हम उनकी तारीफ चाहते भी नहीं है। वे (कांग्रेस) जनजाति और दलित की बात करते हैं। डेढ़ साल पहले अमित शाह जबलपुर आए थे। साल भर पहले प्रधानमंत्री यहां आए थे। टंट्या भील से लेकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक का नामकरण किया गया। हम उनके मान और सम्मान के लिए काम करते हैं, कांग्रेस वोट के लिए काम करती है। भारतीय जनता पार्टी का नीति और सिद्धांत अलग है। सेवा और विकास का भाव है।

सहारा इंडिया से पैसे वापस लेने के लिए कराएं रजिस्ट्रेशन
सहारा इंडिया कंपनी में निवेशकों की जमापूंजी वापसी को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है। जिनकी राशि की अवधि पूरी हो चुकी है, उन निवेशकों के पैसे वापस करने के लिए इस संबंध में सारी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। मध्यप्रदेश के जो भी निवेशक हैं, वे डिटेल भरकर जमा करें। सहारा इंडिया में जमापूंजी वापसी का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया है।