श्री मृत्युंजय महादेव मंदिर, आस्था और भक्ति का केंद्र।

श्री मृत्युंजय महादेव मंदिर, आस्था और भक्ति का केंद्र।
दैनिक द लाॅयन सिटी - भोपाल, लालघाटी क्षेत्र के विजयनगर में स्थित श्री मृत्युंजय महादेव मंदिर एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो भक्तों की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बन चुका है। प्रारंभ में एक छोटी मडिया में स्थापित इस मंदिर को क्षेत्रवासियों के आपसी सहयोग और श्री मृत्युंजय महादेव मंदिर ट्रस्ट के प्रयासों से भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। मंदिर में भगवान शिव, माता दुर्गा, हनुमान जी, भगवान झूलेलाल, साईं बाबा और राजदरबार की प्रतिमाएं विराजमान हैं, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता के कारण मंदिर की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है।
पिछले सात-आठ वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ और मासिक रूप से सुंदरकांड का आयोजन किया जाता है। प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर लगभग 5,000 लोगों के लिए भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें क्षेत्रवासी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा का सप्तशती पाठ, हवन और कन्या भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें क्षेत्र की कन्याएं भोजन करती हैं और भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार उन्हें उपहार प्रदान करते हैं।
श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को भक्तों द्वारा श्री मृत्युंजय महादेव का फूलों से श्रृंगार किया जाता है, साथ ही पार्थिव शिवलिंग का निर्माण भी होता है। इसके अतिरिक्त, प्रदोष और एकादशी व्रत के अवसर पर महिलाएं भगवान शिव का श्रृंगार और भजन-कीर्तन करती हैं, जिससे क्षेत्र में वर्षभर भक्ति का माहौल बना रहता है। वर्तमान में, 13 जुलाई से 19 जुलाई 2025 तक पंडित श्री चंद्रयान उपाध्याय जी के सान्निध्य में शिवपुराण कथा का आयोजन चल रहा है। इसके पश्चात अगस्त माह के प्रारंभ में पार्थिव शिवलिंग निर्माण का कार्यक्रम आयोजित होगा। वर्ष में दो बार भागवत कथा और शिवपुराण कथा का आयोजन भी प्रतिष्ठित पंडितों द्वारा किया जाता है। नवरात्रि के दौरान क्षेत्र की महिलाओं द्वारा गरबा उत्सव का आयोजन भी इस मंदिर की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है। श्री मृत्युंजय महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने द लाॅयन सिटी को बताया कि मंदिर न केवल धार्मिक आयोजनों का केंद्र है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह मंदिर क्षेत्रवासियों के सहयोग और भक्ति के कारण निरंतर प्रगति कर रहा है और भविष्य में भी इसे और भव्य बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।