नई दिल्ली । भारतीय रेसलर रितु फोगाट साल 2021 में  वन चैंपियनशिप में सबसे लाजवाब फाइटर सिद्ध हुई थीं। उन्हें एमएमए वर्ल्ड में द इंडियन टाइग्रेस कहा जाता है। पिछले साल रितु एमएमए का टाइटल जीतने वाली भारत की पहली महिला बनने से चूक गईं। रितु को वन विमेंस वर्ल्ड ग्रांप्री चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की स्टैम्प फेयरटेक्स ने हराया। हालांकि, 4 साल पहले पहलवानी से मिस्क्ड मार्टियल आर्ट यानी एमएमए में कदम रखने वाली रितु सभी का ध्यान खींचने में सफल रही।  मिक्स्ड मार्टियल आर्ट में प्रसिद्ध होने के बाद पूर्व पहलवान ने का एमएमए में 7-2 का रिकॉर्ड है। रितु फोगाट ने पिछले साल जुलाई और अक्टूबर के बीच लगातार तीन जीत दर्ज की। उन्हें पहली जीत लिन हेकिन के खिलाफ मिली जो पिछले 11 मैचों से अजेय थीं।  इसके बाद रितु ने टूर्नामेंट के पसंदीदा खिलाड़ियों में एक मेंग बो को जबरदस्त मात दी।  मेंग इस मुकाबले से पहले सात मैचों से नहीं हारी थीं। सेमीफाइनल में रितु ने 5वीं रैंकिंग वाली फिलीपींस की खिलाड़ी जेनेलिन ओल्सिम को हराया।
लिन हेकिन और मेंग बो जैसे अनुभवी पेशेवर फाइटरों पर जीत ने साबित कर दिया है कि रितु को मजबूत चुनौतियों का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं है। अब उनका मुकाबला हैम सेओ से होगा जो वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे नंबर पर है। हैम सेओ ने 2007 में ही मिस्क्ड मार्शल आर्ट में हिस्सा लेने शुरू कर दिया था। उनके नाम पर कई विश्व खिताब हैं। वह इस खेल की दिग्गजों में से एक हैं। हैम पर जीत रितु की प्रतिष्ठा में इजाफा करेगी। रितु का एकमात्र लक्ष्य भारत की पहली एमएमए महिला चैंपियन बनना है। एमएमए में उतरने से पहले रितु फोगाट कुश्ती में भारत की तरफ से बड़ा नाम रह चुकी हैं। उन्होंने कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप 2016 में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2017 में नई दिल्ली में हुए एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। वहीं इस महिला पहलवान ने 2017 में अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीता था।