जबलपुर ।  मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ ने बिजली कर्मियों के देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हुए आठ अगस्त को कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बिजली कर्मचारी सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक कोई काम नहीं करेंगे। इसमें बिजली की शिकायत और बिजली की कोई खराबी, मीटर लगाने का काम बंद रखा गया है। अस्पताल की बिजली, पानी की आपूर्ती में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी शामिल हैं। जबलपुर में बिजली के ज्यादातर कार्यालयों की कुर्सियों खाली नजर आईं। बिजली संबंधी शिकायतें में लोगों की नहीं ली गईं। दूसरी तरफ मप्र पावर जेनरेशन कंपनी के मुख्यालय शक्तिभवन में कर्मचारी अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंजीनियर अशोक जैन, जेके वैष्णव, जितेंद्र वर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय पावर पत्रोपाधि अभियंता महासंघ के आह्वान पर विद्युत संशोधन विधेयक 2022 के खिलाफ ये विरोध हो रहा है। अशोक जैन ने बताया कि पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 बनाते समय सभी स्टेकहोल्डर्स और विशेषज्ञों से उक्त एक्ट पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया था। विद्युत संशोधन विधयेक 2022 को अंतिम रूप देने के पहले सभी स्टेकहोल्डर्स विशेष तौर से बिजली के उपभोक्ताओं और बिजली इंजीनियरों और कमर्चारियों से विचार-विमर्श किया जाना आवश्यक है। जबकि इस बिल पर किसी भी स्टेकहोल्डर्स या किसी भी राज्य सरकार से न ही कोई बात की गई और ना ही किसी से कोई विचार मांगे गए। इसी तरह मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला ने भी विज्ञप्ति जारी कर संघ पदाधिकारियों की तरफ से विरोध का समर्थन किया है।