मुंबई । महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी सरकारी कार्यालयों में फ़ोन पर हैलो की जगह ‘वंदे मातरम’ बोलने की घोषणा को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। विपक्ष ने इस फैसले को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा वंदेमातरम का राजनीतिकरण कर रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसे मुद्दे उठाकर राज्य की मूल परेशानियों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता चरन सिंह सप्रा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।
सप्रा ने कहा कि ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ तो पहले से ही बोला जाता है। सरकार, राज्य की गंभीर समस्याओं को छोड़कर वंदे मातरम को प्राथमिकता देने में लगी हुई है, इसमें उनकी छुपी हुई राजनीति है। जनता के मुद्दों पर चर्चा करने से शिंदे-भाजपा सरकार भाग रही है। शिवसेना के उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने भी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वंदे मातरम तो लोग बहुत पहले से बोलते आ रहे हैं, लेकिन भाजपा के कहने से लोग बोलने लगेंगे, यह गलत है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ढोंग करके वंदे मातरम का राजनीतिकरण करने में जुटी हुई है। दरअसल दो दिनों पहले महाराष्ट्र सरकार में सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने घोषणा की थी कि अब से महाराष्ट्र में सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारी फोन पर अपनी बात की शुरुआत वंदे मातरम से करेंगे। हैलो के बजाय वंदे मातरम कहना अनिवार्य होगा। इस सिलसिले में आधिकारिक आदेश भी जल्द निकाला जाएगा। ‘हैलो’ इस विदेशी शब्द का त्याग करना जरूरी है। वंदे मातरम सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि हर भारतीय की भावना है। इस बयान के बाद विपक्ष इस मुद्दे पर आक्रामक हो गया।