भिंड   मध्यप्रदेश में बारिश से नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। मानसून अब ग्वालियर-चंबल में भी खूब बरस रहा है। बुधवार शाम भिंड में सिंध नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। घाट पर रेत भरने आए 50 से ज्यादा ट्रक और डंपर फंस गए। प्रशासन ने जुलाई से सितंबर तक नदी से रेत उठाने पर रोक लगा रखी है। सिंध नदी में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है।.मौसम विभाग ने ग्वालियर-चंबल संभाग में गुरुवार के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश को लेकर डिप्टी रिलीफ कमिश्नर ने कलेक्टरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोकनगर में भारी बारिश की संभावना जताते हुए जिला कलेक्टरों को निचले इलाकों पर खास नजर रखने को कहा है।

अगले दो दिन ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड खूब भीगेगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर के हिस्सों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। 22 जुलाई के बाद नया सिस्टम बनने से एक साथ फिर पूरे प्रदेश में खूब पानी गिरेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक अरब सागर से नमी आने से उत्तर प्रदेश से लगे इलाकों में अच्छी बारिश होगी। गुना में रात में 2.5 इंच से ज्यादा बारिश हुई। देर रात 1 बजे के आस-पास बारिश शुरू हुई। सुबह 4 बजे तक रुक-रुक कर पानी गिरता रहा।

इस वजह से बारिश का दौर

मौसम विभाग के अनुसार लो प्रेशर एरिया कमजोर होकर चक्रवाती एक्टिवटीज में बदल गया है। वर्तमान में पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर चक्रवात एक्टिव है। अन्य चक्रवातीय गतिविधियां दक्षिणी झारखंड के ऊपर सक्रिय है। मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, गुना से होते हुए सतना, डाल्टनगंज, पुरुलिया, दीघा और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक फैली है। दक्षिणी गुजरात तट से कर्नाटक तट के समांतर ट्रफ फैला है। इसके कारण मानसून के बादल ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड शिफ्ट हो गए हैं। अगले 48 घंटे तक यहां तेज बारिश होने के आसार है।