काबुल । अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी भूमि पर भारत की राजनयिक उपस्थिति का स्वागत किया है। इसके साथ ही भारतीय मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी वादा किया है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान भारत के राजनयिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए इस कदम का स्वागत करता है। इस बेहतरीन कदम से भारत की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत भी होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खि ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत के राजनयिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के इस कदम का अफगानिस्तान स्वागत करता है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, हम राजनयिकों के अधिकार के प्रति पूरा ध्यान रखेंगे। उनके काम में उनका सहयोग करेंगे।
अफगान सरकार को उम्मीद है कि राजनयिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाने और राजनयिकों को भेजने से अफगान-भारत संबंध और मजबूत होंगे। जिससे भारत द्वारा अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा और नई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत होगी।
पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान की सत्ता आने के बाद भारत ने दूतावास से अपने अधिकारियों को वापस बुला लिया था। इसके बाद जून में भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने दूतावास में एक तकनीकी टीम को तैनात करके अपनी राजनयिक उपस्थिति को फिर से कायम किया। बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान में नए शासन को मान्यता नहीं दी है। इसके अलावा भारत का मानना है कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। तालिबानियों के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान में आर्थिक संकट आ गया है जिसके चलते भारत ने दुनिया के सामने मानवीय सहायता का उदाहरण देते हुए अनाज की कई खेपों को अफगानिस्तान भेजा।