भिंड में स्वास्थ्य महकमे ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली करतूत की है। आरोप है कि यहां जिला अस्पताल में रिश्वत नहीं देने पर एक गर्भवती को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद अस्पताल के बाहर सड़क पर ही गर्भवती की प्रीमैच्योर डिलीवरी हो गई। नवजात की केयर नहीं हो पाने के कारण कुछ देर में उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जब रुपए देने से मना किया तो अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल का कहना है कि जांच कमेटी बनाई गई है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला सोमवार रात करीब 11:30 से 12 बजे के आसपास का है। यहां बरासो थाना क्षेत्र के ग्राम रजूपुरा की रहने वाली कल्लो पत्नी रामलखन मिर्धा अपनी सास मिथला और पति के साथ रात्रि करीब 10:30 बजे जिला अस्पताल पहुंची। महिला के 6 माह का गर्भ था। उसे दर्द हो रहा था। अस्पताल के स्टाफ ने प्रसूता को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने 5 हजार मांगे थे। पैसा नहीं देने पर लेटलतीफी की और बाहर से अल्ट्रासाउंड करने की बात कहकर बाहर निकाल दिया।

मेरे पास कपड़े नहीं थे, तौलिया से ढंका

प्रसूता की सास मिथला का कहना है कि 5 हजार की रिश्वत दे देती तो इलाज शुरू हो जाता। पैसा नहीं होने पर बाहर से अल्ट्रासाउंड कराकर लाने को कहा। इस तरह काफी देर तक परेशान किया गया। जब बहू का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बाहर निकले तो दर्द तेज हो गया और बहू सड़क पर गिर गई, जहां बच्चे को जन्म दिया। मेरे पास कोई कपड़ा भी नहीं था नवजात को ढंकने के लिए बेटे से तौलिया लिया था। प्रसूता का कहना है कि हम लोग गरीब हैं यदि 5 हजार रुपए दिए होते तो यह दिन ही देखना पड़ता।

पूरे मामले की जांच शुरू कर दी

रात में सड़क पर हुई डिलीवरी को लेकर जांच कमेटी बनाई गई है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। यदि कोई दोषी है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अनिल गोयल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल भिंड