इटली में पत्रकारिता करने वाले डेविड सासोली 2009 में राजनीति में आए और लगातार तीन बार यूरोपीय संसद के लिए चुने गए. यूरोपीय संसद के अध्यक्ष के रूप में उनके ढाई साल के कार्यकाल का ज्यादातर हिस्सा कोविड महामारी में ही बीता.यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड सासोली की 11 जनवरी की सुबह करीब सवा एक बजे मौत हो गई. वह 65 साल के थे. सासोली बीते साल से ही काफी बीमार चल रहे थे. 2019 में अध्यक्ष चुने गए सासोली का ज्यादातर कार्यकाल कोरोना महामारी से प्रभावित रहा. करीब ढाई साल के इस कार्यकाल में उन्हें यूरोपीय संसद में रिमोट वोटिंग सिस्टम जैसे नए बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है.

सासोली ने महामारी के दौरान एकजुटता दिखाते हुए संसदीय परिसरों को सहायता केंद्रों में बदल दिया था, जहां जरूरतमंद परिवारों के लिए खाना बनाने और कोविड जांच का प्रबंध किया गया. सासोली 2009 में यूरोपीय संसद के लिए चुने जाने से पहले इटली के एक चर्चित टीवी पत्रकार थे. 2009 में वह इटली की सेंटर लेफ्ट डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल हुए और जल्द ही पार्टी के यूरोपीय गुट के प्रमुख बन गए. 2014 में सासोली फिर चुनाव जीते और इस बार वह यूरोपीय संसद का उपाध्यक्ष भी चुने गए. उनके पास बजट और यूरोप-भूमध्य मामलों का प्रभार भी था. 2019 में वह दोबारा सांसद बने और इस बार संसद के अध्यक्ष भी चुने गए. यूरोपीय संसद के लिए हर पांच साल में चुनाव होता है.

 इसके अध्यक्ष का कुल पांच साल का कार्यकाल- ढाई-ढाई साल- के दो कार्यकालों में बंटा होता है. अगले हफ्ते ढाई साल के बचे हुए कार्यकाल का चुनाव होना है. खराब सेहत का हवाला देते हुए सासोली ने दोबारा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. 2019 में उनका अध्यक्ष चुना जाना इटली के लिए भी अहमियत रखता था. यूरोपीय केंद्रीय बैंक के प्रमुख पद से मारियो द्रागी और यूरोपीय विदेश नीति प्रमुख के पद से फेडेरिका मोघेरिनी के जाने के बाद यूरोपीय संघ के शीर्ष पदों पर मौजूद इकलौते इतावली थे. यूरोपीय कमीशन और यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्षों समेत यूरोप के कई राष्ट्रप्रमुखों ने सासोली ने निधन पर दुख जताया है. बीते सालों में सासोली कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे.

 सितंबर 2021 में उन्हें निमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 26 दिसंबर को उन्हें इम्यून सिस्टम संबंधी परेशानियों के चलते दोबारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कुछ ही समय पहले सासोली ल्यूकीमिया से उबरे थे. पत्रकारिता छोड़ने के बाद भी सासोली सक्रिय रूप से अखबारों में लिखते रहे. उन्होंने फ्रांसेसो रोमानो के साथ मिलकर साल 1978 में हुई इटली के पूर्व प्रधानमंत्री ऑल्डो मोरो की हत्या के बारे में एक किताब भी लिखी थी. आरएस/आरपी (एपी, एएफपी).