पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पुराना इतिहात बदल देंगे? क्या जो इतिहास है आप उसे भुला देंगे? इन्हें इतिहास बदलना है इसलिए हर चीज़ बदल रहे हैं। आखिरकार नया (नया संसद भवन) बनाने की ज़रूरत क्या थी। आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन 28 मई को करने जा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण दिन पर पीएम मोदी संसद के नए भवन में पवित्र सेंगोल को भी स्थापित करने जा रहे हैं। यह सेंगोल भारत के आजादी के वर्ष यानी 1947 में तमिलनाडु से लाया गया था, जिसे 14 अगस्त 1947 को रात के पौने 10 बजे के लगभग अंग्रेजों ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर देश के तत्कालीन और आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद के नए भवन में सेंगोल स्थापित करने की जानकारी देते हुए बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह नया संसद भवन प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है। यह नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास है। सेंगोल की पुरानी ऐतिहासिक परंपरा का जिक्र करते हुए शाह ने आगे बताया कि संसद के नए भवन के उद्घाटन के ऐतिहासिक अवसर पर युगों से जुड़ी हुई एक ऐतिहासिक परंपरा को भी पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित किया जाएगा।