ढाका। बांग्लादेश सरकार ने कोमिल्ला शहर में शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गापूजा संपन्न कराने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, जहां पर पिछले साल उपद्रवियों ने कथित ईशनिंदा के आरोप में प्रतिमाओं को खंडित कर दिया था। सरकार ने इस साल मंदिरों के भीतर दुर्गा पूजा मनाने की सलाह दी है, ताकि प्रतिमाओं की बेहतर तरीके से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कोमिल्ला जिले के कलेक्टर मोहम्मद कमरुल हसन ने कहा कि उत्सव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा हम शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गा पूजा संपन्न कराने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने सद्भावनापूर्ण माहौल में दुर्गा पूजा संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हसन ने बताया हमने दुर्गा पूजा आयोजन समितियों की 21 सितंबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रशासन और पुलिस के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। अधिकारी ने बताया कि एक अक्टूबर से शुरू हो रहे उत्सव के लिए सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और प्रशासन स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
स्थानीय सांसद एकेएम बहाउद्दीन बहार ने कहा कि दुर्गा पूजा समितियों से चर्चा की जा रही है और शांतिपूर्ण उत्सव के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले साल हुई हिंसा के बारे में उन्होंने कहा वह सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश थी, लेकिन इस बार, वे सफल नहीं होंगे क्योंकि पूरा प्रशासन सतर्क है। हम सुझाव देंगे कि पूजा मंदिर के भीतर आयोजित की जाए ताकि हम बेहतर सुरक्षा मुहैया करा सकें। सांसद ने कहा सरकार ने जिले और पूरे देश में कई मंदिरों की मरम्मत कराई है। मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 25 लाख टका (बांग्लादेशी मुद्रा) आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल जब हिंसा हुई थी तो वह शहर में नहीं थे। पाकिस्तान के साथ् 1971 की लड़ाई में लड़ने वाले मुक्तियोद्धा एवं असम के हाफलोंग में भारतीय सेना द्वारा प्रशिक्षित बहार ने कहा इस साल मैं शहर में व्यक्तिगत तौर पर पूजा की व्यवस्था को देखूंगा ताकि कोई सांप्रदायिक सदभाव को नुकसान नहीं पहुंचा सके। गौरतलब है कि पंडाल में कथित तौर पर पवित्र कुरान का अपमान करने के आरोप के बाद कोमिल्ला जिले में कई दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला किया गया था।